चानू का दोस्त और फैन है यह पाकिस्तानी भारोत्तोलक जिसने जीता गोल्ड मेडल

गुरुवार, 4 अगस्त 2022 (16:39 IST)
बर्मिंघम: जैसे ही भारोत्तोलक नूह दस्तगीर बट ने पाकिस्तान के लिये यहां 2022 राष्ट्रमंडल खेलों का पहला पदक जीता तो सबसे पहले उन्हें बधाई देने के लिये हाथ किसी और का नहीं बल्कि - भारतीय सुपरस्टार मीराबाई चानू का आगे आया।

ओलंपिक पदक जीतकर चानू ‘सुपरस्टार’ की श्रेणी में शामिल हो गयी हैं और वह सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों के भारोत्तोलकों के लिये भी ‘आइकन’ बन चुकी हैं।

बट ने पुरूषों के 109 से ज्यादा किग्रा वर्ग में रिकॉर्ड 405 किग्रा का वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता और इसके बाद उन्होंने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘जब उन्होंने (चानू ने) मुझे बधाई दी और मेरे प्रदर्शन की तारीफ की तो वह मेरे लिये गर्व का क्षण था। ’’

पाकिस्तान के इस 24 साल के भारोत्तोलक ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्नैच में 173 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 232 किग्रा और कुल वजन में 405 किग्रा से, सभी में तीनों रिकॉर्ड तोड़ दिये।

बट ने कहा, ‘‘हम प्रेरणास्रोत के तौर पर मीराबाई की ओर देखते हैं। उन्होंने हमें दिखाया कि हम दक्षिण एशियाई देशों के खिलाड़ी भी ओलंपिक पदक जीत सकते हैं। जब उन्होंने तोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीता था तो हम सभी को उन पर काफी फक्र हुआ। ’’

भारत के लिये गुरदीप सिंह ने भी इसी वर्ग में कांस्य पदक जीता था और बट उन्हें अपना करीबी मित्र मानते हैं।
बट ने कहा, ‘‘हम पिछले सात-आठ वर्षों से बहुत अच्छे दोस्त हैं। हम कई बार विदेशों में एक साथ ट्रेनिंग करते हैं। हम हमेशा संपर्क में रहते हैं। ’’

Proud Moment
Nooh Dastagir Butt wins first Gold medal for Pakistan in #CommonwealthGames
Can't describe the feelings our flag + National anthem #CWG2022
Thank you Nooh But
Pakistan ZindaBad  pic.twitter.com/S3TPyp3jCJ

— Komal see  (@CricVillaa) August 3, 2022
उनके लिये यह ‘भारत-पाक’ मुकाबला नहीं था बल्कि खुद का सर्वश्रेष्ठ करने की व्यक्तिगत चुनाौती थी।बट ने गुरदीप के बारे में कहा, ‘‘ऐसा नहीं था कि मैं एक भारतीय भारोत्तोलक से प्रतिस्पर्धा कर रहा था। मैं बस अपना सर्वश्रेष्ठ देना और पदक जीतना चाहता था। ’’

गुरदीप भारत के लिये प्लस वजन वर्ग में राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय भारोत्तोलक बने।
बट दो बार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिये भारत का दौरा कर चुके हैं। पहला टूर्नामेंट, 2015 में पुणे में युवा राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप और दूसरा, इसके अगले साल गुवाहाटी में दक्षिण एशियाई खेल थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं दो बार भारत जा चुका हूं और मुझे जो समर्थन मिला है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। मैं फिर से भारत जाना चाहता हूं। ’’उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मेरे पाकिस्तान से ज्यादा प्रशसंक भारत में हैं।’’(भाषा)

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