ओलंपिक से ही कंगाल हो गया ओलंपिक का जनक

गुरुवार, 2 जुलाई 2015 (16:55 IST)
नई दिल्ली। दुनिया को ओलंपिक से परिचित कराने वाले यूरोपीय देश यूनान को वर्ष 2004 में इस खेल महाकुंभ की मेजबानी बहुत महंगी पड़ी जिसके कारण वह आज कंगाली के कगार पर है।

पश्चिमी सभ्यता की जन्मस्थली माने जाने वाले यूनान में प्राचीन समय में हर चार साल में ओलंपिक खेलों का आयोजन होता था। इसकी शुरुआत 776 ईसा पूर्व में हुई थी।

ईसा पूर्व पांचवीं तथा छठी शताब्दी में ये खेल अपने चरम पर थे लेकिन यूनान पर रोमनों के अधिपत्य के बाद इन खेलों की महत्ता धीरे-धीरे समाप्त हो गई।

इसके बाद पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों का आयोजन भी यूनान की राजधानी एथेंस में ही वर्ष 1896 में हुआ था जिसमें 14 देशों के 241 खिलाड़ियों ने 43 स्पर्धाओं में हिस्सा लिया।

यूनान ने आधुनिक ओलंपिक के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 1996 में इन खेलों की मेजबानी हासिल करने की कोशिश की थी लेकिन वह इसमें नाकाम रहा।

वर्ष 2004 में यूनान को ओलंपिक की मेजबानी मिली। इन खेलों के आयोजन के लिए उसने भारी कर्ज लिया था और उसके बाद से ही देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ती चली गई।

यूनान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का करीब 114 अरब रुपए का कर्ज नहीं चुकाने के कारण डिफाल्टर घोषित किया गया है और अब उस पर यूरोजोन से भी बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है।(भाषा)

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