उन्होंने कोल्हापुर में पत्रकारों से कहा,हरियाणा सरकार अपने प्रत्येक (ओलंपिक पदक विजेता) खिलाड़ी को पांच करोड़ रूपए देती है। महाराष्ट्र सरकार की नई नीति के अनुसार ओलंपिक कांस्य पदक विजेता को दो करोड़ रूपए मिलेंगे। राज्य ऐसे मानदंड क्यों तय करता है जबकि स्वप्निल पिछले 72 वर्षों में (1952 में पहलवान केडी जाधव के बाद) महाराष्ट्र के केवल दूसरे व्यक्तिगत ओलंपिक पदक विजेता हैं।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़ रूपए, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रूपए और कांस्य पदक विजेता को 2.5 करोड़ रूपए देती है। महाराष्ट्र सरकार इसके लिए क्रमश: पांच करोड़, तीन करोड़ और दो करोड रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान करती है।
सुरेश कुसाले ने कहा,स्वप्निल को पुरस्कार के रूप में पांच करोड़ रूपए और बालेवाड़ी खेल परिसर के पास एक फ्लैट मिलना चाहिए ताकि वह आसानी से अभ्यास के लिए आ-जा सके। यही नहीं इस परिसर में 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन निशानेबाजी क्षेत्र का नाम स्वप्निल के नाम पर रखा जाना चाहिए। (भाषा)