चैंंपियंस ट्रॉफी हॉकी के फाइनल की होड़ में भारत, ब्रिटेन और बेल्जियम
बुधवार, 15 जून 2016 (19:59 IST)
लंदन। विश्व चैंपियन और दुनिया में नंबर एक रैंकिंग की टीम ऑस्ट्रेलिया एफआईएच चैंंपियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच चुकी है और उसके साथ खिताबी मुकाबले में टक्कर लेने की होड़ में एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता भारत, मेजबान ब्रिटेन और बेल्जियम बने हुए हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को बेल्जियम को 2-0 से पराजित कर फाइनल में जगह बना ली जबकि भारत ने एक अन्य एशियाई टीम कोरिया को 2-1 से पराजित कर खुद को फाइनल की होड़ में बनाए रखा। दूसरी ओर ब्रिटेन ने गत चैंपियन जर्मनी से 1-1 का ड्रॉ खेलकर विश्व की तीसरे नंबर की टीम जर्मनी का अपना खिताब बचाने का सपना तोड़ दिया।
ऑस्ट्रेलिया इस समय 10 अंकों के साथ तालिका में शीर्ष पर है। भारत 7 अंकों के साथ दूसरे, ब्रिटेन 5 अंकों के साथ तीसरे और बेल्जियम 4 अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। कोरिया और जर्मनी 3-3 अंकों के साथ क्रमश: 5वें और 6ठे स्थान पर हैं। कोरिया और जर्मनी की टीमें फाइनल की होड़ से बाहर हो चुकी हैं।
गुरुवार को भारत को अपना आखिरी लीग मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से खेलना है। दूसरी ओर दिन के अन्य मैचों में कोरिया और जर्मनी तथा ब्रिटेन और बेल्जियम के बीच मुकाबला होगा। भारतीय टीम को फाइनल की अपनी उम्मीदों के लिए कम से कम ऑस्ट्रेलिया के साथ ड्रॉ खेलने की जरूरत है।
यदि भारतीय टीम चमत्कार करते हुए ऑस्ट्रेलिया को हरा देती है तो वह फाइनल में पहुंच जाएगी। ड्रॉ खेलने की स्थिति में भारत के 8 अंक हो जाएंगे लेकिन उसे बेल्जियम और ब्रिटेन के मैच के परिणाम का इंतजार करना होगा। ब्रिटेन यदि बेल्जियम से जीतता है तो वह 8 अंकों पर पहुंच जाएगा। उस स्थिति में गोल अंतर से फाइनल में जाने वाली टीम का फैसला होगा।
ब्रिटेन और बेल्जियम दोनों ही उम्मीद करेंगे कि टूर्नामेंट के आखिरी लीग मैच के दिन ऑस्ट्रेलिया भारत को पराजित कर दे जिससे उन दोनों के पास फाइनल में पहुंचने का मौका बना रहे।
भारत ने टूर्नामेंट में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। उसने ओलंपिक चैंपियन जर्मनी से 3-3 का ड्रॉ खेला, ब्रिटेन को 2-1 से हराया, बेल्जियम से 1-2 से संघर्षपूर्ण मैच गंवाया और कोरिया को 2-1 से पराजित किया।
दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया को ब्रिटेन ने गोलरहित ड्रॉ पर रोका था जिसके बाद विश्व चैंपियन टीम ने कोरिया को 4-2, जर्मनी को 4-3 और बेल्जियम को 2-0 से हराकर जीत की हैट्रिक पूरी की और फाइनल में स्थान बनाया।
भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में अब तक काफी शानदार प्रदर्शन किया है और वह ऑस्ट्रेलियाई टीम को कड़ी टक्कर दे सकती है। भारत को पेनल्टी कॉर्नर को हासिल करने और उसे गोल में बदलने की दक्षता में सुधार करने की जरूरत है।
कोरिया के खिलाफ जीत के बाद भारतीय कोच रोलैंट ओल्टमैंस ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि टीम ने लगातार अपने खेल में सुधार किया है। दूसरी ओर स्ट्राइकर मनप्रीत सिंह ने कहा कि ट्रॉफी टीम को मिले मौकों को भुनाने की जरूरत है। हमारा अब तक प्रदर्शन अच्छा रहा है। कोरिया के खिलाफ मुकाबले में हमने उन्हें बराबरी का गोल दिया और फिर 30 सेकंड के अंदर बढ़त हासिल करने का गोल दाग दिया।
भारत ने अब तक टूर्नामेंट में 8 गोल किए हैं और 7 गोल खाए हैं जबकि ऑस्ट्रेलिया ने 10 गोल किए हैं और 5 गोल खाए हैं। भारत का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछला रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है लेकिन टीम मौजूदा प्रदर्शन के बलबूते पर ऑस्ट्रेलिया के सामने कड़ी चुनौती रख सकती है।
चैंपियंस ट्रॉफी का इतिहास देखा जाए तो 1978 से अब तक भारतीय टीम एक बार भी इस टूर्नामेंट के फाइनल में नहीं पहुंच पाई है। भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1982 में कांस्य पदक हासिल करना रहा है।
भारतीय टीम 7 बार इस टूर्नामेंट में चौथे स्थान पर रही है। वर्ष 2014 में भुवनेश्वर में हुई अपनी मेजबानी में हुए टूर्नामेंट में भारत को चौथा स्थान मिला था। हालांकि उस टूर्नामेंट में 8 टीमों ने शिरकत की थी जबकि इस बार 6 टीमें खेल रही हैं।
पिछले टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 2-1 से हराकर चौथा स्थान हासिल किया था। भारत के पास इस बार पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचने का शानदार मौका है।
एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुकी और एफआईएच वर्ल्ड लीग फाइनल में कांस्य पदक हासिल कर चुकी भारतीय टीम यदि फाइनल में पहुंचने का कारनामा कर दिखाती है तो अगस्त में होने वाले रियो ओलंपिक में निश्चित रूप से उसकी पदक दावेदारी मजबूत हो जाएगी। (वार्ता)