मरियप्पन जब सिर्फ पांच साल के थे तब बस ने उनके दाएं पैर को कुचल दिया था। उनसे पहले मुरलीकांत पेटकर (1972, तैराकी) और देवेंद्र झझारिया (2004, भाला फेंक) पैरालंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। मरियप्पन ने ऊंची कूद टी42 स्पर्धा में 1.89 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता था। (भाषा)