PCI का सुझाव, निलंबन हटाने के लिए 9 मार्च को चुनाव कराएं: सूत्र

WD Sports Desk

शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024 (17:23 IST)
Paralympic Committee of India (PCI) ने नई संचालन संस्था सदस्य चुनने के लिए चुनाव कराने के लिए नौ मार्च की तारीख का प्रस्ताव दिया है।
 
 
खेल मंत्रालय ने भारत के राष्ट्रीय खेल विकास संहिता (National Sports Development Code of India, NSDC) के अनुसार चुनाव में विलंब करने के लिए हाल में PCI को निलंबित कर दिया था।
 
 
खेल संहिता के अनुसार पीसीआई के चुनाव इस साल 31 जनवरी से पहले कराए जाने चाहिए थे लेकिन उसने छह से 15 मर्च तक होने वाले पैरा निशानेबाजी विश्व कप (Para Shooting World Cup) के कारण इन्हें 28 मार्च तक स्थगित कर दिया।
 
 
 
मंत्रालय ने दो फरवरी को जानबूझकर नई कार्यकारी समिति चुनने में विलंब करने के लिए PCI की मान्यता निलंबित करने का आदेश जारी किया।
 
 
मंत्रालय के अधिकारियों की गुरुवार को पीसीआई के अधिकारियों के साथ लंबी बैठक हुई जिसमें उन्होंने बताया कि निलंबित पैरा राष्ट्रीय संस्था को निलंबन हटाने के लिए क्या करने की जरूरत है।
 
 
 
खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि International Paralympic Committee (IPC) के समर्थन के बावजूद PCI को निलंबन हटवाने के लिए चुनावों पर सरकार के दिशानिर्देशों और देश के कानून का पालन करने की जरूरत है।
 
वहीं आईपीसी ने खेल मंत्रालय का भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) का कामकाज देखने के लिए तदर्थ पैनल गठित करने का सुझाव खारिज कर दिया।
 
 
लेकिन आईपीसी ने स्पष्ट रूप से खेल मंत्रालय को कहा कि पीसीआई में संचालन की मौजूदा स्थिति में आईपीसी के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।
 
 
आईपीसी ने खेल मंत्रालय द्वारा भेजे गए एक पत्र के जवाब में कहा, ‘‘जैसा कि आपने सुझाव दिया, हम भारतीय खेल प्राधिकरण के साथ तदर्थ समिति गठित करने की स्थिति में नहीं हैं। ’’
 
 
आईपीसी की ‘चीफ मेंबरशिप एंड इम्पैक्ट’ अधिकारी क्रिस्टिना मोलोय द्वारा 12 फरवरी को लिखे गए पत्र में कहा, ‘‘हम अपने सदस्यों (पीसीआई) से उम्मीद करते हैं कि वे ‘पैरालंपिक मूवमेंट’ के अंतर्गत अपने मामले स्वायत्त तरीके से और बाहर से बिना किसी हस्तक्षेप के चलाए जो आईपीसी संविधान के प्रावधानों के अनुसार हो"
 
 
आईपीसी ने कहा कि खेल मंत्रालय द्वारा उठाएगये संचालन के मुद्दे के संबंध में विश्व संस्था का कुछ लेना देना नहीं है इसलिए इसमें ‘‘उसके हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।’’  (भाषा) 

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