उन्होंने विनेश फोगाट को पहले संबोधित किया कि यह तो मेरे ही परिवार की है। फिर प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या बहुत गुस्सा आ गया तुम्हें अपने आप पर क्यों गुस्सा करती हो, तुमने बहुत अच्छा खेला और तुम्हारे पूरे परिवार ने बहुत कुछ अच्छा दिया है, विनेश निराश नहीं हो सकती, यह बात नहीं चलेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि "मैंने सुना तुम हारने के बाद किसी से मिलती भी नहीं थी, यह क्या तरीका है?" इस पर विनेश ने कहा कि इतनी मेहनत के बाद मेडल नहीं आता है तो दुख तो होता है। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा नहीं ऐसा नहीं होता है। खिलाड़ी की जिंदगी में हारना तो बाएं हाथ का खेल होता है। वह हारने से कभी चिंता नहीं करता है।