यथिराज, प्रमोद, कृष्णा को पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

WD Sports Desk

रविवार, 25 फ़रवरी 2024 (18:08 IST)
BWF Para Badminton World Championships : भारत के सुहास यथिराज, प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए रविवार को यहां पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप की क्रमश: पुरुष एकल एसएल 4, एसएल 3 और एसएच 6 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते।
 
 
 
पैरालंपिक रजत पदक विजेता दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी यथिराज ने एसएल 4 (शरीर के निचले अंगों में मामूली समस्या) फाइनल में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 21-18 21-18 से हराकर अपना पहला विश्व खिताब जीता।
 
 
कर्नाटक के यथिराज उत्तर प्रदेश कैडर के 2007 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘स्वर्ण पदक मिला, खुश हूं और विश्व चैंपियन बनकर गौरवांवित हूं।’’
 
 
 
वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के सचिव और महानिदेशक हैं।
 
चीन में पैरा एशियाई खेलों में एक स्वर्ण और दो कांस्य पदक जीतने वाले भगत ने एसएल 3 (शरीर के निचले अंगों में अधिक समस्या)फाइनल में इंग्लैंड के डेनियल बेथेल को 14-21 21-15 21-14 से हराया।
 
पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता 35 वर्षीय भगत ने इस प्रकार 2015 में स्टोक मैंडविले और 2019 में बासेल के बाद खिताब की हैट्रिक पूरी की। उन्होंने 2022 में तोक्यो और 2009 में सियोल में भी स्वर्ण पदक जीते।
 
भगत ने कहा, ‘‘विभिन्न कारणों से यह जीत मेरे दिल में विशेष स्थान रखती है।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘पहला कारण तो यह है कि मैं अपने आदर्श लिन डैन के पांच विश्व चैंपियनशिप के रिकॉर्ड की बराबरी करने में सफल रहा और दूसरा यह कि मैंने लगातार तीन विश्व चैंपियनशिप खिताब जीते।’’
 
 
 
बिहार के भगत पांच साल की उम्र में पोलियो से ग्रसित हो गए थे।
 
पैंतीस साल के भगत ने सुकांत कदम के साथ पुरुष युगल में कांस्य और मनीषा रामदास के साथ मिश्रित युगल में भी कांस्य पदक जीता। इन तीन पदक से उनके नाम विश्व चैंपियनशिप में कुल 14 पदक हो गए हैं जिसमें विभिन्न वर्ग में छह स्वर्ण, तीन रजत और पांच कांस्य पदक शामिल हैं।
 
 
 
एसएच6 (कम लंबाई) श्रेणी में पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता कृष्णा नागर भी पुरुष एकल फाइनल में चीन के लिन नेली पर 22-20 22-20 से जीत हासिल कर चैंपियन बने।
 
महिला एकल एसयू5 (शरीर के ऊपरी अंगों में समस्या) में मनीषा रामदास ने फाइनल में चीन की यांग क्यू शिया के खिलाफ 16-21, 16-21 की शिकस्त से रजत पदक जीता।
 
चिराग बरेठा और राज कुमार की पुरुष युगल जोड़ी तथा रचना शैलेशकुमार और निथ्या श्री सुमति सिवान की महिला युगल जोड़ी को क्रमश: एसयू5 और एसएच6 श्रेणियों में फाइनल में हारने के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
 
 
 
महिला युगल (एसल3-एसयू5) वर्ग में मानसी जोशी और तुलसीमति मुरुगेसन को भी फाइनल में लियानी रात्री ओकतिला और खालिमातुस सादिया की इंडोनेशिया की जोड़ी के खिलाफ फाइनल में 20-22 17-21 की हार से रजत पदक से संतोष करना पड़ा। (भाषा) 

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