भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला अध्यक्ष बनी पीटी ऊषा

शनिवार, 10 दिसंबर 2022 (17:51 IST)
नई दिल्ली: अपने जमाने की दिग्गज धाविका पीटी उषा को शनिवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का पहला महिला अध्यक्ष चुना गया जिससे भारतीय खेल प्रशासन में नए युग की शुरुआत भी हुई।एशियाई खेलों में कई पदक जीतने वाली और 1984 के लॉस एंजलिस ओलंपिक खेलों में 400 मीटर की बाधा दौड़ में चौथे स्थान पर रही 58 वर्षीय उषा को चुनाव के बाद शीर्ष पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।

चुनाव उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए उसके पूर्व जज नागेश्वर राव की देखरेख में संपन्न हुए।उषा के अध्यक्ष चुने जाने से आईओए में गुटीय राजनीति के कारण पैदा हुआ संकट भी समाप्त हो गया। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने इस महीने चुनाव नहीं कराने की दशा में आईओए को निलंबित करने की चेतावनी दी थी।इन चुनावों को दिसंबर 2021 में होना था।

Thank you for all the messages of support and good wishes. Looking forward to the times ahead!  pic.twitter.com/TRlbonoNpQ

— P.T. USHA (@PTUshaOfficial) December 10, 2022
उषा का शीर्ष पद पर चुना जाना पिछले महीने ही तय हो गया था क्योंकि वह अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाली एकमात्र प्रत्याशी थी। किसी ने भी उषा का विरोध नहीं किया जिन्हें जुलाई में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के लिए नामित किया था।

भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के अजय पटेल को निर्विरोध वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया। ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग और भारतीय रोइंग महासंघ के अध्यक्ष राजलक्ष्मी सिंह देव को निर्विरोध उपाध्यक्ष चुना गया।

भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) के अध्यक्ष सहदेव यादव कोषाध्यक्ष जबकि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष और पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे को निर्विरोध नए संयुक्त सचिव (पुरुष) बने।

भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) की अलकनंदा अशोक को तीन उम्मीदवारों के बीच संयुक्त सचिव (महिला) चुना गया। इस पद की दौड़ में शालिनी ठाकुर चावला और सुमन कौशिक भी शामिल थी।‘पय्योली एक्सप्रेस’ और ‘उड़न परी’ के नाम से मशहूर रही उषा को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था।

आईओए के 95 साल के इतिहास में वह अध्यक्ष बनने वाली पहली ओलंपियन और पहली अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता हैं। इससे उनकी उपलब्धियों में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। उषा ने 2000 में संन्यास लेने से पहले भारतीय और एशियाई एथलेटिक्स में दो दशक तक अपना दबदबा बनाया था।

उषा देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पहली खिलाड़ी हैं। इसके साथ ही वह महाराजा यादवेंद्र सिंह के बाद आईओए प्रमुख बनने वाली पहली खिलाड़ी भी हैं। यादवेंद्र सिंह ने 1934 में एक टेस्ट मैच खेला था। वह 1938 से 1960 तक आईओए के अध्यक्ष रहे थे।ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त और तीरंदाज डोला बनर्जी आठ असाधारण खिलाड़ियों (एसओएम) के पुरुष और महिला प्रतिनिधि के रूप में कार्यकारी परिषद में शामिल हैं।

भूपेंद्र सिंह बाजवा, अमिताभ शर्मा, हरपाल सिंह और रोहित राजपाल भी कार्यकारी परिषद के लिए चुने गए हैं जो पहले की तुलना में काफी अलग है।कार्यकारी परिषद के 14 सदस्यों में से कम से कम पांच (भारत में आईओसी सदस्य नीता अंबानी सहित) पूर्व खिलाड़ी हैं जो आईओए के इतिहास में अभूतपूर्व है।महान मुक्केबाज एमसी मैरीकोम और महान टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल भी खिलाड़ी आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होने के कारण कार्यकारी परिषद का हिस्सा हैं।(भाषा)

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