सिंधू को मिलेंगे स्वर्ण जीतने के कई मौके : गोपीचंद

मंगलवार, 29 अगस्त 2017 (17:34 IST)
हैदराबाद। पीवी सिंधू और साइना नेहवाल सरीखी दिग्गज खिलाड़ियों के गुरु पुलेला गोपीचंद ने कहा है कि सिंधू बेहतरीन लय में हैं और बेहद प्रतिभा की धनी इस खिलाड़ी को अभी करियर में कई स्वर्ण पदक जीतने हैं।
          
विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली सिंधू और कांस्य पदक विजेता साइना के साथ स्वदेश लौटे गोपीचंद ने कहा, उन्हें फाइनल में सिंधू के खेल को लेकर बेहद गर्व है। सिंधू ने जिस तरह का खेल दिखाया है, उससे यह साफ है कि वह भविष्य में कई स्वर्ण पदक अपनी झोली में डालने वाली हैं।
          
सिंधू ने खुद कहा, मैंने फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ खेला। सभी की अपनी खेलने की शैली होती है और अपना दिन होने पर कोई भी जीत हासिल कर सकता है। मैंने फाइनल में जिस तरह का प्रदर्शन किया, मैं उससे संतुष्ट हूं। मैं बस इतना ही कह सकती हूं कि यह मेरा दिन नहीं था।
          
हैदराबादी खिलाड़ी ने कहा, हमने वाकई कड़ी मेहनत की थी। हम पिछले कुछ समय से लगातार टूर्नामेंट खेल रहे हैं। हालांकि हम विश्व चैंपियनशिप में पूरी तैयारी के साथ उतरे थे और इसमें दो पदक जीतना वाकई सुखद है। 
              
उन्होंने कहा, हम मानसिक और शारीरिक रूप से दोनों ही तरह से पूरी तरह फिट थे। मैं बस इतना ही कह सकती हूं कि हम स्वर्ण पदक से चूक गए। मैं कोर्ट पर केवल अपना स्वाभाविक खेल खेलने के लक्ष्य के साथ उतरी थी और अंत तक इसी में कायम रही। फाइनल एक लंबा गेम रहा था और अंत तक आते-आते खुद को थकान से दूर कर पाना बेहद कठिन हो रहा था।
 
राष्ट्रीय कोच गोपीचंद ने साइना नेहवाल और किदांबी श्रीकांत के विवादास्पद मैच कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर कहा, कई बार आपको विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है और आपके लिए सबकुछ सही नहीं होता है। कई बार अहम मैचों में छोटी छोटी चीजें भी दूरगामी प्रभाव डाल देती हैं लेकिन आपको खुद को परिस्थितियों के हिसाब से ढालना पड़ता है। मुझे लगता है कि कुछ मैचों के कार्यक्रम ज्यादा बेहतर बनाए जा सकते थे।  
          
फाइनल में सिंधू को यलो कार्ड दिए जाने पर पूर्व दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी ने कहा, एक घंटे 50 मिनट की अवधि के मैच को लंबा मैच कहा जाएगा। हर खेल के अपने नियम-कायदे होते हैं और हर अंपायर इन नियमों को लागू करने के लिए स्वतंत्र है। आपको यही प्रयास करना चाहिए कि नियमों में यथासंभव लचीलापन हो। सिंधू ने शानदार खेल दिखाया और जो उन्होंने किया वह निश्चित रूप से सही था।
         
सिंधू के बारे में उन्होंने कहा, सिंधू महज 22 वर्ष की हैं और लगातार चार वर्षों से देश के लिए पदक जीत रही हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि करियर के समापन तक उनके खाते में कई स्वर्ण पदक आ चुके होंगे। हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास सिंधू और साइना जैसी विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैं। इन्होंने अपने खेल से विश्वभर में भारत की अलग पहचान बनाई है।
            
उल्लेखनीय है कि स्काटलैंड के ग्लास्गो में संपन्न विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए सिंधू ने रजत और साइना ने कांस्य पदक जीते हैं और यह पहली विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप है, जहां भारत के खाते में एक ही चैंपियनशिप में दो पदक आए हैं। (वार्ता) 

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