इसमें तनाव, संयम और आक्रामकता सब कुछ देखने को मिला। सिंधू ने एक घंटे 24 मिनट तक चला मुकाबला 20-22, 21-18, 21-18 से जीता। सिंधू ने दुनिया की छठे नंबर की खिलाड़ी ओकुहारा पर पांचवीं जीत दर्ज की। नोकुहारा ने ही ग्लासगो में विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में सिंधू को हराया था। सातवीं वरीयता प्राप्त ओकुहारा की हर चुनौती का सिंधू ने डटकर सामना किया। पहले गेम में ओकुहारा के रेफरल पर नाकाम रहने के बाद सिंधू ने 6-4 से बढ़त बना ली।
बेसइलाइन पर फैसला लेने में सिंधू की गलती से स्कोर बराबर हो गया। सिंधू ने जल्दी ही 11-10 की बढ़त बना ली। दोनों का मुकाबला 19-19 से बराबरी पर चल रहा था। इसके बाद स्कोर 20-20 हुआ लेकिन ओकुहारा ने शानदार वापसी करके पहला गेम जीत लिया। दूसरे गेम में भी यही रोमांच बरकरार रहा और कभी सिंधू तो कभी ओकुहारा हावी होती दिखी।
एक समय स्कोर 18-18 से बराबर था लेकिन सिंधू ने सही समय पर बेहतरीन खेल दिखाते हुए दूसरा गेम जीता। निर्णायक गेम में ओकुहारा ने 4-1 की शुरुआती बढ़त बना ली। सिंधू ने 6-6 से बराबरी की और एक समय स्कोर 8-8 हो गया। ब्रेक के बाद ओकुहारा ने 14-11 की बढ़त बना ली और सिंधू की दो सहज गलतियों पर ओकुहारा की बढत 16-12 की हो गई। इसके बाद सिंधू ने शानदार आक्रामक खेल दिखाते हुए उसे कोर्ट के सभी तरफ दौड़ाया और यह गेम तथा मैच जीत लिया।