प्रकाश ने कहा कि यह उसका पहला सुपर सीरीज खिताब है और यह निश्चित तौर पर बड़ी उपलब्धि है क्योंकि जब आप इतना अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो आपसे काफी उम्मीद की जाती है। मुझे उम्मीद है कि वे आने वाले वर्षों में भी अच्छा प्रदर्शन जारी रखेगी। इक्कीस वर्षीय सिंधु हैदराबाद की साइना नेहवाल और किदाम्बी श्रीकांत के बाद चाइना ओपन का एकल खिताब जीतने वाली तीसरी भारतीय हैं।
वे रियो ओलंपिक के फाइनल में पहुंची थीं जहां पहला गेम जीतने के बावजूद स्पेन की कारोलिना मारिन से हार गई थीं। इस बारे में पादुकोण ने कहा कि किसी ने भी उससे फाइनल में पहुंचने की उम्मीद नहीं की थी। संभवत: वे दबाव झेलने में नाकाम रहीं। बैडमिंटन में ओलंपिक खेल महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हर चार साल में एक बार होते हैं। (वार्ता)