यिहान को हराकर खुश हुईं सिंधु, जताई यह उम्मीद...

बुधवार, 17 अगस्त 2016 (11:28 IST)
रियो डि जेनेरियो। लंदन ओलंपिक रजत पदक विजेता वांग यिहान को हराकर गद्गद् पीवी सिंधु ने इसे अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ पलों में से एक करार दिया और उम्मीद जताई कि वे रियो ओलंपिक सेमीफाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ इस लय को कायम रख सकेंगी।
 
सिंधु ने कहा कि यह रियो ओलंपिक है और वे काफी अलग महसूस कर रही हैं। यह सर्वश्रेष्ठ पलों में से है। उम्मीद है कि ऐसे कई और पल आएंगे। दुनिया की 10वें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने दूसरी रैंकिंग वाली वांग को 22-20, 21-19 से हराया। वे ओलंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने वाली साइना नेहवाल के बाद दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गईं।
 
इस मुश्किल दौर में भारत के लिए पदक जीतने के दबाव के बारे में पूछने पर उसने कहा कि मैं सिर्फ खेल के बारे में सोच रही थी। यदि आप अच्छा खेलते हैं तो पदक खुद-ब-खुद मिलेंगे। मैं सिर्फ अपने अगले मैच पर फोकस कर रही हूं। उम्मीद है कि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकूंगी। 
 
सिंधु ने कहा कि चीनी खिलाड़ी के खिलाफ उसका संयम सफलता की कुंजी साबित हुआ। उसने कहा कि बड़ी-बड़ी रैलियां चलीं और वह काफी आक्रामक खेल रही थी। शुरू में मेरे स्मैश बाहर जा रहे थे लेकिन मैंने संयम बनाए रखा और हर बात के लिए तैयार थी। मेरे ख्याल से वही टर्निंग प्वॉइंट था। 
 
उसने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा कि मैं यह मैच हारूंगी, क्योंकि एक पल सब कुछ बदल सकता है। अंक बनाना आसान नहीं था। यह काफी करीबी मुकाबला था। पहले गेम में 20-20 से स्कोर बराबर था और मुझे कभी नहीं लगा कि गेम पूरा हो गया है। वह बहुत अच्छा खेल रही थी। दूसरा गेम कमोबेश आसान लग रहा था और एक समय सिंधु 17-13 से आगे चल रही थी लेकिन वांग ने लगातार 6 अंक लेकर इसे भी करीबी बना दिया। 
 
सिंधु ने कहा कि दूसरे गेम में मैं 18-14 से आगे थी लेकिन उसने शानदार वापसी की और बेहतरीन खेल दिखाया। 18-18 से स्कोर बराबर होने के बाद कोई भी जीत सकता था। साइना की तरह उसकी फिटनेस को लेकर कोई मसला नहीं था। 
 
उसने कहा कि फिटनेस ठीक थी। वह अनुभवी खिलाड़ी है और दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी है। मेरे लिए अंक जुटाना आसान नहीं था। मुझे पता था कि रैलियां लंबी चलेंगी और वह कोई मौका नहीं छोड़ेगी। 
 
सिंधु ने कहा कि दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी के खिलाफ तकदीर के भरोसे नहीं जीता जा सकता और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना ही होता है। उसने कहा कि मैं लंबी रैलियों के लिए तैयार थी और ऐसा नहीं है कि तकदीर ने मेरा साथ दिया। उसने बेहतरीन खेल दिखाया लेकिन मैंने उसके खिलाफ पहले भी जीता है और हारी भी हूं। यह मैच के दिन अच्छे प्रदर्शन की बात है। (भाषा)
 

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