इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में महिला और पुरुष वर्ग में दुनिया के शीर्ष आठ खिलाड़ी ही भाग लेते हैं। दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी सिंधू और चौथी रैंकिंग वाले श्रीकांत अपने अभियान का आगाज क्रमश: चीन की हि बिंगजियाओ और दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन के खिलाफ करेंगे तो तनिक भी कोताही बरतने की गुंजाइश नहीं होगी।
दूसरी ओर श्रीकांत एक ही कैलेंडर वर्ष में चार सुपर सीरिज खिताब जीतने वाले भारत के अकेले और दुनिया के चौथे खिलाड़ी बने। उन्होंने इंडोनेशिया ओपन, ऑस्ट्रेलिया ओपन, डेनमार्क ओपन और फ्रेंच ओपन जीता जबकि जांघ की मांसपेशी में खिंचाव के कारण चाइना ओपन और हांगकांग ओपन नहीं खेल सके। एक महीने के ब्रेक में उन्होंने फिटनेस और तकनीक पर काफी काम किया और उन्हें उम्मीद है कि दोबारा वही लय हासिल कर लेंगे।
सिंधू ने कहा कि मेरे लिए यह साल अच्छा रहा और उम्मीद है कि इसका अंत भी अच्छा होगा। यहां जीतना आसान नहीं है और पहले ही दौर से मुकाबले काफी कठिन होंगे। मुझे शुरू ही से अच्छा खेलना होगा। दोनों ग्रुप में चार खिलाड़ी एक-दूसरे से खेलेंगे और शीर्ष दो सेमीफाइनल में जाएंगे। श्रीकांत ने अक्टूबर में एक्सेलसेन को डेनमार्क ओपन क्वार्टर फाइनल में हराया था, वहीं सिंधू ने सितंबर में बिंगजियाओ को कोरिया ओपन में मात दी थी। (भाषा)