31 वर्षीय नडाल ने खिताबी मुकाबले के बाद कहा, 'यह दिन मेरे लिए विशेष महत्व रखता है। पिछला कुछ समय बेहद कठिन रहा। मैं चोटों से और खराब फार्म से जूझा लेकिन मैंने कभी खुद पर विश्वास नहीं खोया और शायद इसी का परिणाम है कि मैं यहां एकबार फिर सफल रहा। यह सफलता मेरे लिए विशेष स्थान रखती है।'
नडाल ने कहा, 'मैं आज जहां हूं उसके लिए मैंने बहुत कठिन परिश्रम किया है। रौलां गैरो मेरे लिए हमेशा से विशेष रहा है। मुझे नहीं लगता कि इससे अधिक कुछ हो सकता है कि यह एक ही टूर्नामेंट में मेरा 10वां खिताब है। इसकी बराबरी नहीं की जा सकती है।'
स्पेन के दिग्गज नडाल ने कहा, 'मैं 31 वर्ष का हो चुका हूं और कोई बच्चा तो हूं नहीं। यह सच्चाई है कि मैं बता नहीं सकता कि फ्रेंच ओपन में 10वां खिताब मेरे लिए क्या मायने रखता है। मुझे अपनी इस सफलता पर गर्व है।'
टूर्नामेंट में कठिन पलों के बारे में पूछे जाने पर नडाल ने कहा, 'निश्चित रूप से सेमीफाइनल और फाइनल के पहले का समय बेहद कठिन था। मैं नर्वस भी हो रहा था और खुद में ऊर्जा भी भर रहा था। यह इसलिए कठिन था कि आप जानते हैं कि यह समय गुजर गया तो वापस नहीं आएगा। मैंने टूर्नामेंट में अपने सभी मैच जीते लेकिन कुछ वाकई बेहद कठिन थे।'
उल्लेखनीय है कि क्ले कोर्ट किंग नडाल ने रौलां गैरो की लाल बजरी पर 2005, 2006, 2007, 2008, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014 और 2017 में खिताब अपने नाम किया। नडाल के 15 ग्रैंड स्लेम खिताबों में एक ऑस्ट्रेलियन, 10 फ्रेंच, दो विंबलडन और दो यूएस ओपन के खिताब शामिल हैं।