रेफरी के गलत फैसले से पीवी सिंधू की आंख में आ गए थे आंसू (वीडियो)

रविवार, 1 मई 2022 (18:02 IST)
मनीला:भारत की दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु की आंखों में तब आंसू आ गये जब उनका जापान की अकाने यामागुची के खिलाफ सेमीफाइनल मैच के बीच में अंपायर के ‘अनुचित’ फैसले के कारण लय गड़बड़ाने से एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप (बीएसी) जीतने का सपना चकनाचूर हो गया।सिंधू पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में जब 14-11 से आगे थी तो उन पर सर्विस करते हुए बहुत अधिक समय लेने के लिये एक अंक की ‘पेनल्टी’ लगायी गयी।

’सिंधू ने कहा, ‘‘मैंने मुख्य रेफरी से बात की, वह आये और उन्होंने कहा कि फैसला पहले ही हो चुका है। मुख्य रेफरी के रूप में आपको कम से कम यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि गलती क्या थी। उन्हें रीप्ले देखकर इसको लेकर फैसला करना चाहिए था।’’सिंधु के पिता पीवी रमना ने कहा कि सिंधु इस फैसले से बेहद निराश है।

Nice umpiring! #BAC2022 pic.twitter.com/3EgLS4kW7n

— Sammy (@Sammy58328) April 30, 2022
रमन्ना ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘उसे इस बार स्वर्ण जीतने का भरोसा था और इसलिए वह बहुत निराश है। जब उसने मुझसे बात की तो वह रो रही थी लेकिन मैंने उससे कहा कि जो हो गया उसे भूल जाओ।’’सिंधू को मुख्य रेफरी के साथ चर्चा करते हुए भी देखा गया।

रमन्ना ने कहा, ‘‘अंपायर ने जो किया वह सही नहीं था, अगर वह देरी कर रही थी तो पहले उसे पीला कार्ड दिखाकर चेतावनी दी जानी चाहिए थी। कम से कम एक अंक से दंडित किये जाने पर उसे लाल कार्ड दिखाते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।’’

कयास लगाये जा रहे थे कि सिंधू कांस्य पदक स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि उन्होंने पदक समारोह में हिस्सा नहीं लिया था लेकिन इस खिलाड़ी ने पदक के साथ तस्वीर ट्वीट करके इन अटकलबाजियों पर विराम लगा दिया।

सिंधू ने ट्वीट किया, ‘‘पीड़ादायक अभियान के आखिर में पदक हमेशा विशेष होता है। यह इससे बेहतर हो सकता था। अब निगाह अगली प्रतियोगिता पर है।’’

PV Sindhu didn't hold back in her post-match interaction. "Totally unfair on the umpire's part," she says for asking her to hand over the serve to Akane Yamaguchi at 14-11 for apparent delay. #BAC2022

 Badminton Asia Instagram #BAC2022 pic.twitter.com/DKUUusL2s3

— Vinayakk (@vinayakkm) April 30, 2022
रमन्ना ने स्पष्ट किया कि पदक वितरण समारोह में उपस्थित नहीं हो पाने के लिये अधिकारियों से अनुमति ली गयी थी।उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कुछ नहीं है कि वह पदक स्वीकार नहीं करती। उसे स्वदेश के लिये उड़ान पकड़नी थी इसलिए उसने अधिकारियों से अनुमति ली थी।’’(भाषा)

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