वाडा ने जून में रियो डी जेनेरियो स्थित लैब को कथित तौर पर अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन नहीं करने और तकनीकी खामियों से गलत परिणामों के मद्देनजर निलंबित कर दिया था, हालांकि ओलंपिक खेलों के मेजबान शहर और यहां डोप टेस्ट कराने में सहजता को देखते हुए वाडा ने पिछले 1 महीने से लगे इस निलंबन को समाप्त कर दिया है।
इस लैब पर लगे निलंबन के कारण ओलंपिक के दौरान खिलाड़ियों के पेशाब और खून के नमूनों को ब्राजील से बाहर ले जाकर टेस्ट करने की भी जरूरत पड़ गई थी। ऐसा ही वर्ष 2014 विश्व कप के दौरान भी हुआ था, जब रियो की इसी फेडरल यूनिवर्सिटी स्थित लैब की मान्यता को रद्द कर दिया गया था।
वाडा ने हालांकि यह साफ नहीं किया है कि लैब को किन वजहों से जून में प्रतिबंधित किया गया था और अब इसकी मान्यता को बहाल करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। वाडा के महानिदेशक ओलिवियेर निगिल ने एक बयान में कहा कि एथलीटों को इस बात के लिए सुनिश्चित करना जरूरी है कि खेलों के दौरान भी डोपिंगरोधी प्रणाली मजबूत रहेगी और उनके नमूनों की समीक्षा ठीक ढंग से की जाएगी।