लंदन। दुनिया के पूर्व नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर का मानना है कि जब वे रिकॉर्ड 8वें विंबलडन खिताब के लिए चुनौती पेश करेंगे तो क्ले कोर्ट सत्र से बाहर रहने का उनका फैसला काफी फायदेमंद साबित होगा।
फेडरर ने ऑस्ट्रेलिया ओपन जीतकर सत्र की बेहतरीन शुरुआत की थी लेकिन इसके बाद वे फ्रेंच ओपन और इससे पहले होने वाले टूर्नामेंटों में नहीं खेले जिससे कि विंबलडन के लिए तरोताजा रह सकें।
35 वर्षीय फेडरर को पता है कि फ्रेंच ओपन की तुलना में उनके पास विंबडलन में खिताब जीतने का बेहतर मौका है, जहां वे पहले भी 7 बार खिताब अपने नाम कर चुके हैं। फेडरर ने फ्रेंच ओपन का खिताब सिर्फ 1 बार जीता है। फेडरर वापसी करते हुए स्टुटगार्ट में पहले दौर में ही हार गए लेकिन हाले में ग्रास कोर्ट टूर्नामेंट में उन्होंने 9वीं बार खिताब जीता और उन्हें अच्छे प्रदर्शन का भरोसा है।
फेडरर ने संवाददाताओं से कहा कि इसके पीछे का विचार दूसरे हफ्ते के खेल के दौरान मानसिक रूप से तरोताजा और खेलने का इच्छुक रहना है तथा मैं ग्रास कोर्ट सत्र से कोई समझौता किए बगैर मैं ऐसा करने में सफल रहा हूं। शुरुआत में 7 हफ्ते का विश्राम लेने वाला था और फिर क्ले टूर्नामेंट खेलता लेकिन मैंने 10 हफ्ते आराम करने का फैसला किया।
फेडरर ने कहा कि मुझे कोई मलाल नहीं है। जब मैं कोई फैसला करता हूं तो उसके साथ रहता हूं। मुझे ग्रास कोर्ट पर काफी अभ्यास करने का मौका मिला। अब जब विंबलडन शुरू होने वाला है तो आप सर्वश्रेष्ठ महसूस करना चाहते हो और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हो। (भाषा)