लंदन। स्विस स्टार रोजर फेडरर सोमवार से यहां शुरू होने वाले विंबलडन ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में ट्रॉफी के प्रबल दावेदार हैं जिसमें वे रिकॉर्ड 8वां खिताब हासिल करने के साथ टूर्नामेंट के सबसे उम्रदराज चैंपियन बनने की कोशिश करेंगे।
फेडरर अगस्त में 36 वर्ष के हो जाएंगे। उन्हें 12 महीने पहले यहीं पर सेंटर कोर्ट में सेमीफाइनल में 5 सेट तक चले मुकाबले में मिलोस राओनिच से पराजय का मुंह देखना पड़ा था जिसके बाद आलोचकों ने उन्हें 'चुका हुआ' लिख दिया था।
इस हार के बाद घुटने की चोट के कारण उन्हें साल के बचे हुए दौरे से हटने के लिए बाध्य होना पड़ा था जिससे वे 2012 तक के अपने 17 ग्रैंडस्लैम खिताब पर ही बरकरार रहे, पर इस साल जनवरी में उन्होंने अपना 5वां ऑस्ट्रेलियन ओपन अपने नाम किया।
फेडरर 7 विंबलडन खिताब जीतकर पीट सम्प्रास की बराबरी पर हैं, लेकिन अब वे उनसे आगे बढ़कर अपने मेजर ट्रॉफियों की संख्या 19 करना चाहेंगे। हालांकि उनके प्रतिद्वंद्वी एंडी मरे और नोवाक जोकोविच इतनी फॉर्म में नहीं हैं, वहीं राफेल नडाल भी अपने घुटने को लेकर थोड़े परेशान हैं कि वे ग्रासकोर्ट का दबाव झेल पाएंगे या नहीं जिससे फेडरर का पलड़ा थोड़ा भारी ही दिखता है।
फेडरर अपने अभियान की शुरुआत यूक्रेन के एलेक्जैंडर डोलगोपोलोव के खिलाफ करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर एंडी शारीरिक रूप से शत-प्रतिशत फिट रहता है तो मैं उसे खिताब जीतने के प्रबल दावेदारों में से एक मानूंगा। यह बिलकुल सरल बात है। इसी तरह नोवाक और राफा के साथ भी कुछ ऐसा ही है। लेकिन नडाल के लिए विंबलडन हमेशा ही कड़वे अनुभवों वाला टूर्नामेंट रहा है।
वे 2008 में फाइनल में फेडरर को हराकर चैंपियन बने थे जिसे सर्वश्रेष्ठ मुकाबला भी माना जाता रहा। इसके बाद 2010 में भी उन्होंने खिताब जीता लेकिन वे 2006, 2007 और 2011 में उपविजेता ही रहे। चोट के कारण वे 2009 और 2016 में विंबलडन में नहीं खेल पाए जबकि 2012-2015 में वे लुकास रोसोल, स्टीव डार्सिस, निक किर्गियोस और डस्टिन ब्राउन से हार गए थे।
नडाल ने स्वीकार किया कि अगर विंबलडन के घसियाले कोर्ट पर उन्हें घुटने में नई समस्या होती है तो उनका सफर फिर यहां छोटा ही रहेगा। वे शुरुआती दौर में ऑस्ट्रेलिया के जॉन मिलमैन से भिड़ेंगे और अगर सब ठीकठाक रहा तो वे फाइनल में फेडरर से भिड़ सकते हैं।
गत चैंपियन मरे कूल्हे की समस्याओं से जूझ रहे हैं जिससे वे इस हफ्ते ट्रेनिंग के दौरान दर्द से कराहते भी दिखे। उनका सामना एलेक्सजैंडर बुलब्लिक से होगा। वे 2013 में भी यहां खिताब जीत चुके हैं, वहीं 3 बार के चैंपियन जोकोविच की पहले दौर में भिड़ंत स्लोवाकिया के मार्टिन क्लिजान से होगी। (भाषा)