साक्षी मलिक करेंगी भारतीय चुनौती की अगुवाई

शनिवार, 6 मई 2017 (15:15 IST)
नई दिल्ली। रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक राजधानी के आईजी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्थित केडी जाधव कुश्ती स्टेडियम में 10 से 14 मई तक होने वाली सीनियर एशियाई फ्रीस्टाइल, ग्रीको रोमन और महिला कुश्ती प्रतियोगिता में भारतीय चुनौती की अगुवाई करेंगी।
 
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने शनिवार को यहां बताया कि भारत फ्रीस्टाइल, ग्रीको रोमन और महिला तीनों वर्गों में कुल 24 पहलवान उतार रहा है और उम्मीद है कि भारतीय पहलवान इस प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। हर वर्ग में 8-8 पहलवान मेजबान देश की चुनौती रखेंगे। उन्होंने बताया कि कुल 23 टीमें प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी।
 
बृजभूषण ने बताया कि साक्षी मलिक ने इस प्रतियोगिता के लिए हुए ट्रॉयल में मंजू को 10-0 से मात देकर क्वालीफाई किया है और उम्मीद है कि रियो में इतिहास बनाने वाली यह महिला पहलवान एशियाई प्रतियोगिता में भी नया इतिहास बनाएगी। 
 
साक्षी ने गत वर्ष अगस्त में रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास बनाया था। साक्षी का ओलंपिक के बाद यह पहला टूर्नामेंट होगा। इस दौरान उनकी शादी पहलवान सत्यव्रत कादियान से हो गई थी। सत्यव्रत भी एशियाई कुश्ती में अपनी चुनौती पेश करेंगे, क्योंकि उनके वजन वर्ग के पहलवान मौसम खत्री अपनी शादी के कारण ट्रॉयल से हट गए और सत्यव्रत को एशियाई कुश्ती में उतरने का मौका मिल गया।
 
बृजभूषण ने बताया कि विश्व कुश्ती संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के इस टूर्नामेंट एशियाई चैंपियनशिप में ईरान, उज्बेकिस्तान, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, जापान, कोरिया, उत्तर कोरिया, चीन और मंगोलिया के पहलवान हिस्सा लेंगे। पाकिस्तान के पहलवानों को इस चैंपियनशिप के लिए वीजा नहीं मिला है इसलिए वे इस प्रतियोगिता में नहीं उतरेंगे। 
 
एशिया विश्व कुश्ती का पॉवरहाउस है और इसे देखते हुए एशियाई प्रतियोगिता में मुकाबला काफी कड़ा होगा। प्रतियोगिता में 112 फ्रीस्टाइल, 103 ग्रीको रोमन और 83 महिला पहलवान 24 स्वर्ण, 24 रजत और 48 कांस्य पदकों के लिए मुकाबला करेंगे। 
 
डीडी स्पोर्ट्स चैनल पर इस प्रतियोगिता का सीधा प्रसारण किया जाएगा। आम जनता को कॉम्प्लीमेंट्री टिकट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा जिन्हें 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर कुश्ती संघ के कार्यालय से लिया जा सकता है।
 
कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ने बताया कि भारतीय चुनौती का दारोमदार साक्षी मलिक, सत्यव्रत, बजरंग, संदीप तोमर, विनेश फोगाट और रितु फोगाट पर निर्भर करेगा। मशहूर फोगाट बहनें गीता और बबीता इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगी। 
 
देश के 2 ओलंपिक पदक विजेता पहलवानों सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त की कुश्ती संघ के साथ मौजूदा स्थिति के बारे में पूछने पर अध्यक्ष ने कहा कि दोनों का ही हमेशा स्वागत है। यदि वे ट्रॉयल या कैंप में हिस्सा लेना चाहते हैं तो उन्हें संघ को पहले एक आवेदन देना होगा जिसके बाद वे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए पात्र हो जाएंगे।
 
भारतीय पहलवानों के लिए विदेशी कोच रखे जाने के मुद्दे पर बृजभूषण ने कहा कि अभी हमारे पास विदेशी कोच नहीं हैं। जो विदेशी कोच पहले थे हमने उनका अनुबंध बढ़ाया नहीं। हम अब नई उम्र के नए सोच वाले विदेशी कोच रखना चाहते हैं, जो मौजूदा पहलवान हों और जिन्होंने ओलंपिक तथा विश्व पदक जीत रखा हो। हमारी कई जगह बातचीत चल रही है। हम तीनों ही वर्गों के लिए विदेशी कोच रखेंगे ताकि उनके और भारतीय कोचों के तालमेल से अगले ओलंपिक में अच्छे परिणाम दिए जा सकें।
 
गीता और बबीता के अपने पिता के साथ ट्रेनिंग करने के मुद्दे पर अध्यक्ष ने कहा कि उनका आवेदन हमारे पास आया था कि वे अपने पिता के साथ ट्रेनिंग करना चाहती हैं इसलिए उन्हें अनुमति दी गई। जब वे ट्रॉयल के लिए कहेंगी तभी उनका ट्रॉयल कराया जाएगा।
 
बृजभूषण ने महासंघ की नीति स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि कोई कैंप में नहीं आता है तो हम उसकी जगह जूनियर पहलवानों को रखते हैं, क्योंकि हमें भविष्य के लिए भी पहलवान तैयार करने हैं। एशियाई प्रतियोगिता में ही दिव्या काकराण और पिंकी जैसी नई पहलवानों को उतारा जा रहा है। यह सबकुछ हमारी नीति का ही हिस्सा है। (वार्ता)

वेबदुनिया पर पढ़ें