पेरिस। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारत की साक्षी मलिक को विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में देश की सबसे बड़ी पदक उम्मीद माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने 60 किग्रा वर्ग में जर्मनी की लुईसा निमेश के खिलाफ 2-0 की बढ़त बनाने के बावजूद मुकाबला गंवा दिया और पहले राउंड में ही बाहर हो गई। भारत की एक अन्य उम्मीद विनेश फोगाट की 48 किग्रा वर्ग में चुनौती परवान चढ़ने से पहले ही समाप्त हो गई।
साक्षी और विनेश दोनों ने ही बढ़त बनाने के बाद अपने मुकाबले अपनी ऊर्जा बचाने के चक्कर में गंवा दिए। दोनों को जब अटैक करना चाहिए था तब उन्होंने डिफेंस में आकर अपने हाथ से जीत का मौका गंवा दिया। साक्षी को 23 पहलवानों में 14वां स्थान, विनेश को 27 पहलवानों में 10वां स्थान, शीतल को 25 पहलवानों में 10वां स्थान और नवजोत को 19 पहलवानों में 11वां स्थान हासिल हुआ। यानी साक्षी इन पहलवानों में सबसे पीछे रहीं।
साक्षी से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन उन्होंने पूरी तरह निराश किया। साक्षी ने इस वर्ष मई में हुई एशियाई चैंपियनशिप में बढ़े हुए वजन वर्ग 60 किग्रा में हिस्सा लिया था और रजत पदक जीता था। ओलंपिक में उनका कांस्य पदक 58 किग्रा वर्ग में था।
जर्मनी की निमेश के खिलाफ साक्षी की रणनीति काफी खराब रही। अपने से निचली रैंकिंग की पहलवान के खिलाफ साक्षी ने 2-0 की बढ़त बना ली थी, लेकिन अपनी ऊर्जा बचाने के चक्कर में उन्होंने विपक्षी पहलवान को हावी होने का मौका दे दिया। जिसका नतीजा 1-3 की हार के रूप में निकला और स्टार भारतीय पहलवान पहले ही राउंड में बाहर हो गईं। (वार्ता)