राजीव गांधी खेलरत्न के लिए सानिया मिर्जा प्रबल दावेदार

शुक्रवार, 31 जुलाई 2015 (18:12 IST)
नई दिल्ली। अपने करियर के स्वर्णिम दौर से गुजर रहीं विश्व की नंबर एक युगल खिलाड़ी और हाल में विंबलडन का महिला युगल चैंपियन सानिया मिर्जा की देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेलरत्न  के लिए दावेदारी अन्य सभी उम्मीदवारों पर भारी पड़ सकती है। 
29 अगस्त को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर दिए जाने वाले राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों  के लिए अब 1 महीने का ही समय रह गया है और राजीव गांधी खेलरत्न तथा अर्जुन पुरस्कारों के लिए  सरगर्मियां तेज हो गई हैं। खेल दिवस पर राष्ट्रपति, राजीव गांधी खेलरत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद  पुरस्कार प्रदान करते हैं। गत वर्ष किसी भी खिलाड़ी को खेलरत्न प्रदान नहीं किया गया था।
 
वर्ष 2014 में पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान कपिलदेव की अगुवाई वाली पुरस्कार चयन समिति ने किसी  भी खिलाड़ी को खेलरत्न नहीं पाया था। तब इस सर्वोच्च पुरस्कार के दावेदारों में डिस्कस थ्रोअर विकास  गौड़ा और कृष्णा पूनिया, टेनिस स्टार सोमदेव देववर्मन, महान गोल्फर जीव मिल्खा सिंह, 2 बार विश्व  चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु और देवेंद्र झाझरिया शामिल थे, लेकिन  समिति ने किसी को भी इस पुरस्कार के योग्य नहीं पाया।
 
1991 से शुरू हुए खेलरत्न के इतिहास में यह तीसरा मौका था, जब किसी खिलाड़ी को यह सर्वोच्च  पुरस्कार नहीं मिला। समझा जाता है कि उस समय जीव मिल्खा पर सबसे अधिक विचार हुआ था लेकिन  पैनल ने उनके नाम पर एकमत नहीं हो सका। 
 
इस बार सानिया की दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत मानी जा रही है। हालांकि सानिया ने इस खिताब के  लिए आवेदन नहीं किया है, लेकिन समझा जाता है कि खेल मंत्रालय खेलरत्न के लिए उनके नाम की  सिफारिश कर सकता है। सानिया ने 2015 में कमाल का प्रदर्शन किया है और अपनी उपलब्धियों से  देश को गौरवान्वित किया है।
 
28 वर्षीय सानिया इस वर्ष अप्रैल में विश्व की नंबर एक युगल खिलाड़ी बनी थीं। वे इस समय अपनी  जोड़ीदार स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिस के साथ दुनिया की नंबर एक युगल जोड़ी हैं। उन्होंने इस महीने  पहली बार विंबलडन का महिला युगल खिताब हिंगिस के साथ मिलकर जीता था।
 
सानिया ने व्यक्तिगत तौर पर खेलरत्न के लिए आवेदन नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि नियमों  के अनुसार यदि मंत्रालय को महसूस होता है तो वह योग्य खिलाड़ी के नाम की सिफारिश इस सर्वोच्च  पुरस्कार के लिए कर सकता है। खेल मंत्रालय सानिया को उनके लाजवाब प्रदर्शन के लिए खेलरत्न बनाने  पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
 
समझा जाता है कि 9 खिलाड़ियों ने इस बार खेलरत्न के लिए आवेदन किया है जिसमें दीपिका पल्लीकल  (स्क्वॉश), सीमा अंतिल (डिस्कस थ्रो), विकास गौड़ा (डिस्कस थ्रो), सरदार सिंह (हॉकी), टिंटू लूका  (एथलेटिक्स), अभिषेक वर्मा (तीरंदाजी), गिरिशा एचएन (पैरालंपियन हाईजंपर) और पिछले वर्ष के  आवेदक पीवी सिंधु (बैडमिंटन) तथा जीव मिल्खा सिंह (गोल्फ) शामिल हैं।
 
सानिया को 2004 में अर्जुन पुरस्कार और 2006 में पद्म पुरस्कार मिला था। उन्होंने गत वर्ष इंचियोन  एशियाई खेलों में साकेत मिनेनी के साथ मिश्रित युगल का स्वर्ण और प्रार्थना थोम्बरे के साथ महिला  युगल का कांस्य पदक जीता था। हैदराबाद की सानिया ने गत वर्ष यूएस ओपन में ब्राजील के ब्रूनो सोरेस  के साथ मिश्रित युगल का खिताब जीता था।
 
राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार हर वर्ष एक एथलीट को दिया जाता है। हालांकि 2008 में नियमों में  शिथिलता देते हुए महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम, मुक्केबाज विजेन्दर सिंह और पहलवान सुशील  कुमार तथा 2012 में पहलवान योगेश्वर दत्त और निशानेबाज विजय कुमार को संयुक्त रूप से खेलरत्न से  नवाजा गया था। 
 
हालांकि सरकार ने बाद में नियमों में परिवर्तन करते हुए कहा था कि साल में एक ही खिलाड़ी को यह  पुरस्कार दिया जाएगा और ओलंपिक वर्ष में इस नियम में कोई छूट दी जाएगी।
 
सानिया की इस वर्ष की उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें खेलरत्न से नवाजा जा सकता है, लेकिन इस  पुरस्कार के लिए उन्हें पुरुष हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह और डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा से कड़ी  चुनौती मिल सकती है। सरदार की कप्तानी में भारत ने 16 वर्ष के अंतराल के बाद एशियाई खेलों में  स्वर्ण पदक जीता था और रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था।
 
अमेरिका में रहने वाले भारतीय डिस्कस थ्रोअर विकास ने पिछले साल ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण  पदक जीता था और उसके 1 महीने बाद ही इंचियोन एशियाई खेलों में रजत पदक हासिल किया था।  (वार्ता)

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