भारत की बिना बांह की तीरंदाज शीतल देवी बृहस्पतिवार को यहां महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन रैंकिंग दौर में शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरे स्थान पर रहीं जिससे उन्हें पेरिस पैरालंपिक के राउंड ऑफ 16 में सीधे प्रवेश किया।जम्मू-कश्मीर की 17 साल की शीतल का जन्म बिना बांह के हुआ था और वह अपने पैरों से तीरंदाजी करती हैं। शीतल ने 720 अंक में से 703 अंक जुटाए और तुर्की की ओजनुर गिर्डी क्यूर के बाद दूसरे स्थान पर रहीं। ओजनुर ने 704 अंक के साथ रैंकिंग दौर का विश्व रिकॉर्ड बनाया।
शीतल ने भी इसी महीने बनाए ग्रेट ब्रिटेन की फोएबे पाइन पेटरसन के 698 के रैंकिंग दौर के विश्व रिकॉर्ड को पार कर लिया था लेकिन बाद में ओजनुर ने उन्हें पीछे छोड़ दिया।शीतल ने 59 निशाने 10 अंक पर लगाए जिसमें से 24 निशाने एक्स (निशाने का केंद्र) पर लगे। ओजनुर ने 72 तीर के मुकाबले में 56 बार 10 अंक जुटाए जिसमें से 29 निशाने एक्स पर लगे।
शीतल सहित रैंकिंग दौर में शीर्ष चार पर रहने वाली तीरंदजों को राउंड ऑफ 32 में बाई और वह अब शनिवार को राउंड ऑफ 16 में हिस्सा लेंगी।शीतल चिली की मारियाना जुनिगा और कोरिया की चोई ना मी के बीच होने वाले राउंड ऑफ 32 की विजेता से भिड़ेंगी। ये दोनों तीरंदाज रैंकिंग दौर में क्रमश: 15वें और 18वें स्थान पर रही।
पेरिस 2024 पैरालिंपिक में तीरंदाजी प्रतियोगिता की इन दो तस्वीरों को देखिए।
ऊपर जो तस्वीर है, वो तुर्की की पैरा-खिलाड़ी ओज़नूर क्यूर गिर्डी की- 720 में 704 अंक (वर्ल्ड रिकॉर्ड)
नीचे जो तस्वीर है, वो भारतीय पैरा-खिलाड़ी शीतल देवी की- 720 में 703 अंक।
पेरिस पैरालंपिक में भारतीय तीरंदाज शीतल देवी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़कर इतिहास रचा है।
जम्मू-कश्मीर के एक किसान परिवार में जन्मी शीतल देवी का संघर्ष, परिस्थितियों को हराने का उनका जज्बा और बाधाओं के पहाड़ लांघ जाने वाला आसमान सा हौसला पूरे देश के लिए प्रेरणा है।
शीतल देवी को ढेरों… pic.twitter.com/9nkx8PAUL8
जुनिगा ने तोक्यो पैरालंपिक की महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन स्पर्धा में रजत पदक जीता था।स्पर्धा में हिस्सा ले रही एक अन्य भारतीय तीरंदाज सरिता ने 682 अंक के साथ नौवां स्थान हासिल किया। वह शुक्रवार को राउंड ऑफ 32 में मलेशिया की अब्दुल जलील नूर जेनाटन से भिड़ेंगी।
शीतल ने पिछले साल चीन के हांगझोउ में पैरा एशियाई खेलों में एक ही सत्र में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रचा था। उन्होंने रजत पदक के रूप में तीसरा पदक भी जीता था।उन्होंने हांगझोउ में महिला व्यक्तिगत कंपाउंड और मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा महिला युगल में रजत पदक जीता।
शीतल का जन्म फोकोमेलिया सिंड्रोम नामक दुर्लभ जन्मजात विकार के साथ हुआ था जिसके कारण उनके अंग अविकसित रह गए थे।पुरुष व्यक्तिगत रिकर्व ओपन रैंकिंग दौर में तोक्यो पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता हरविंदर सिंह 637 अंक के साथ नौवें स्थान पर रहे। वह चार सितंबर को राउंड ऑफ 32 में चीनी ताइपे के सेंग लुंग हुई से भिड़ेंगे।(भाषा)