भारतीय बैडमिंटन की 'गोल्डन गर्ल' बनीं PV Sindhu, विश्व चैंपियन बनकर रचा इतिहास

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

रविवार, 25 अगस्त 2019 (18:24 IST)
बासेल। भारत की 'शटल परी' पीवी सिंधू ने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया है। स्वर्ण पदक के लिए खेले गए फाइनल मुकाबले में सिंधू ने जापान की निजोमी ओकुहारा को सीधे गेमों में 21-7, 21-7 से हराया। वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली वे पहली खिलाड़ी हैं। वे लगातार तीसरी बार विश्व बैडमिंटन फाइनल में पहुंची हैं।
 
ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली सिंधू ने इस जीत के साथ ही निजोमी ओकुहारा से 2017 में हुई हार का बदला भी चुकता कर लिया। पूरे देश के लिए रविवार का दिन गौरव के रूप में दर्ज हो गया, जब भारत की इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी ने वर्ल्ड चैंपियनशिप का गोल्ड मैडल अपने गले में पहना।

पीवी सिंधू का विश्व बैडमिंटन का सफर शानदार रहा है। इससे पूर्व भारत की यह सितारा खिलाड़ी 2017 और 2018 में रजत पदक तथा 2013 और 2014 में कांस्य पदक अपने गले में पहन चुकी हैं। 
 
पहले गेम में ही सिंधू ने 22 शॉट्‍स की लंबी रैली के बाद अपनी सर्विस गंवा दी थी लेकिन इसके बाद वे कोर्ट पर बेहद आक्रामक हो गईं और उन्होंने जापानी खिलाड़ी को पैर जमाने का कोई मौका ही नहीं दिया।

सिंधू ने पहला गेम 21-7 से और दूसरा गेम भी 21-7 से जीता। विश्व बैडमिंटन में सिंधू का यह पहला गोल्ड और कुल 5वां पदक है।

पहले गेम में जब सिंधू ने 8-2 की बढ़त हासिल कर ली तो जापानी खिलाड़ी ओकुहारा के पास करने के लिए कुछ नहीं बचा था। बाद में सिंधू ने अपनी बढ़त को 11-2 तक पहुंचा दिया, तभी दर्शकों ने मान लिया था कि अब गेम को जीतने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता। 
 
सिंधू के ताकतवर स्मैश, शानदार कोर्ट कवरेज और तूफानी सर्विस के सामने वर्ल्ड बैडमिंटन में तीसरी वरीयता प्राप्त 24 साल की ओकुहारा असहाय नजर आईं। सिंधू को पहला गेम जीतने में केवल 16 मिनट का वक्त लगा।
 
भारतीय शटल परी सिंधू ने दूसरे गेम की शुरुआत भी शानदार तरीके से करते हुए 2 अंक जुटाए और बाद में 11-4 की बढ़त लेते हुए मुकाबले को एकतरफा बना डाला। अंतत: सिंधू ने 21-7 से गेम के साथ ही वर्ल्ड चैम्पियन बनने का भी सम्मान हासिल कर डाला।

विश्व बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही चीन की पूर्व ओलंपिक चैंपियन झांग निंग के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। झांग ने भी विश्व बैडमिंटन में कुल 5 पदक जीते थे और सिंधू भी 5 पदक जीतने वाली खिलाड़ी बन गई हैं।

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