सोमदेव ने नए साल पहले ही दिन ट्विटर पर यह घोषणा की कि वह अपने प्रोफेशनल करियर से संन्यास ले रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं साल की शुरुआत एक कड़े निर्णय के साथ कर रहा हूं और खेल से संन्यास ले रहा हूं। मैं अपने तमाम समर्थकों का तहे दिल से शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे अच्छे-बुरे दौर में हमेशा समर्थन दिया।
पिछले कुछ समय से प्रतिस्पर्धी टेनिस से दूर सोमदेव अंतिम बार दो वर्ष पहले यूएसए एफ 10 फ्यूचर्स टेनिस कप में सेबेस्टियन फैंसेलो के खिलाफ खेले थे। उन्होंने यह मुकाबला 3-6,2-6 से गंवाया था। प्रतिभा के धनी सोमदेव 2008 के बाद से लगातार डेविस कप में देश का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।
सोमदेव ने वर्ष 2011 में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 62 पाई थी और इस बात की संभावना जताई जाने लगी थी कि वह दिग्गज लिएंडर पेस तथा महेश भूपति की तरह बड़ा नाम साबित होंगे। तेजी से सफलता की तरफ कदम बढ़ा रहे सोमदेव को करियर के दौरान अधिकतर चोटों से जूझना पड़ा और इसी के चलते उनका खेल प्रभावित हुआ और वह रैंकिंग में लगातार खिसकते गए।
वर्ष 2009 सोमदेव के लिए सबसे सफल वर्ष था जिसमें वह चेन्नई ओपन के फाइनल में पहुंचे थे। यह उनका पहला एटीपी टूर फाइनल था। उन्होंने फाइनल में जगह बनाने से पहले दो बार के चेन्नई ओपन चैंपियन और विश्व रैंकिंग में 42 वें नबर के स्पेन के कार्लोस मोया को तथा क्रोएशिया के इवो कार्लोविक को पराजित किया था। हालांकि वह फाइनल में मारिन सिलिच से हार गए थे।