उप्र के ग्रामीण खिलाड़ियों को भी मिलेगा अब बेहतर इलाज

शुक्रवार, 29 सितम्बर 2017 (19:28 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के जिला और राज्य स्तर के खिलाड़ियों को अब खेलों के दौरान लगी चोटों के चिकित्सा उपचार की सुविधा नि:शुल्क मिलेगी और फिट होने के लिए फिजियोथैरेपी की सुविधा भी दी जाएगी। इसके लिए उत्तरप्रदेश सरकार ने शुरुआत में प्रदेश के 3 शहरों में खिलाड़ियों के लिए चिकित्सा उपचार की सुविधा के लिए स्पोर्ट्स इंजुरी सेंटर खोलने की इजाजत दे दी है। इनमें सबसे पहले लखनऊ में ऐसा केंद्र खोला जा रहा है।
 
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले विधान परिषद में इस बाबत खेलमंत्री चेतन चौहान से सवाल भी पूछा गया था तब खेलमंत्री ने जवाब दिया था कि जिला स्तर पर खिलाड़ियों के लिए खेल के दौरान लगी चोटो के इलाज की कोई विशेष व्यवस्था नहीं है।
 
चेतन चौहान ने विशेष बातचीत में कहा कि प्रदेश सरकार जिला स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास कर रही है। अक्सर ऐसी जानकारी मिलती थी कि जिला स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ियों को चोट लगने के दौरान वे गांवों और अपने अपने जिलों में ​इलाज कराते थे उससे वे कुछ समय बाद ठीक तो हो जाते थे लेकिन चोट के बाद उन्हें फिजियोथैरेपिस्ट की सुविधा न मिलने के कारण वे खेलों में पुन: अपनी लय नहीं प्राप्त कर पाते थे।
 
उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ खिलाड़ी ही प्राइवेट अस्पतालों से इलाज करा पाते थे, क्योंकि प्राइवेट इलाज महंगा होता है। इस कारण अनेक युवा खिलाड़ी अपने करियर की शुरुआत में ही चोट लगने के कारण खेल के मैदान से बाहर हो जाते थे। बहुत दिनों से ऐसी मांग आ रही थी कि जिला स्तर पर खिलाड़ियों को विशेषज्ञ चिकित्सा उपचार सुविधा मिलें तथा इलाज के बाद फिजियोथैरेपी की भी सुविधा मिले ताकि खिलाड़ी फिर से खेल के मैदान में अपने पूरे दमखम के साथ लौट सकें।
 
चौहान ने कहा कि इसलिए प्रदेश सरकार ने फिलहाल 3 जिलों लखनऊ, वाराणसी और मेरठ में ऐसे विशेष स्पोर्ट्स इंजुरी सेंटर खोलने का फैसला किया है। इनमें से पहला सेंटर लखनऊ में खोला जा रहा है। उसके बाद वाराणसी और मेरठ में भी ऐसे केंद्र खोले जाएंगे, दूसरे चरण में प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसे विशेष केंद्र खोले जाएंगे। (भाषा) 

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