नई दिल्ली। 'स्पाइडरमैन' के नाम से मशहूर अनुभवी भारतीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर सुब्रत पॉल राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के डोपिंग परीक्षण में विफल होने के बाद परेशानी में घिर गए हैं और अब वह अपने बी सैम्पल की जांच कराएंगे।
अनुभवी फुटबॉलर को नाडा के 18 मार्च को किए गए परीक्षण में प्रतिबंधित दवाओं के सेवन का दोषी पाया गया है। उनके ए नमूने की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। अखिल भारतीय फुटबाल संघ(एआईएफएफ) को भी नाडा ने इससे अवगत करा दिया है। बताया जा रहा है कि पॉल का 'ए' सैम्पल पाजिटिव पाया गया है।
पॉल पर करीब चार वर्ष का प्रतिबंध लगने की संभावना है। हालांकि खुद को निर्दोष बता रहे पॉल ने अब अपने बी सैम्पल की जांच कराने की बात कही है। भारतीय खिलाड़ी ने कहा है कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं और उन्होंने कभी भी प्रतिबंधित दवाओं का सेवन नहीं किया है। वह इसे साबित करने के लिए निश्चित ही बी नमूने की जांच को तैयार हैं।
अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि सुब्रत को एआईएफएफ ने निलंबित किया है या नहीं लेकिन अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) के नियमानुसार कोई भी खिलाड़ी यदि डोप परीक्षण में विफल होता है तो परिणाम के एक सप्ताह के भीतर ही उसे निलंबित किए जाना अनिवार्य होता है।
स्पाइडरमैन के नाम से मशहूर 30 वर्षीय पॉल का कंबोडिया के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दोस्ताना मैच से पूर्व मुंबई में परीक्षण किया गया था। यह परीक्षण नाडा के अधिकारियों ने किया था। पॉल ने वर्ष 2007 में भारतीय टीम में पदार्पण किया था और राष्ट्रीय टीम की ओर से 64 मैचों में खेल चुके हैं।
अर्जुन अवार्डी पॉल फिलहाल आई लीग में डीएसके शिवाजियंस के लिए खेलते हैं। इससे पहले फुटबॉलर अरूण मल्होत्रा, निशांत मेहरा और डेन पिएरा भी डोप टेस्ट में फेल होने के कारण निलंबन झेल चुके हैं।
इस बीच एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा नाडा ने पॉल के मूत्र का नमूना 18 मार्च को लिया था जब भारतीय टीम मुंबई में राष्ट्रीय कैंप के लिए रवाना होने वाली थी। उस दौरान पॉल के अलावा बाकी खिलाड़ियों की भी जांच की गई थी।
दास ने कहा मैं खुद भी इस खबर से सदमें में हूं क्योंकि फुटबॉल में कम ही खिलाड़ियों को डोप में विफल पाया गया है। मुझे नहीं लगता कि पॉल के स्तर का खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाओं का सेवन कर सकता है। पॉल इससे पहले नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी के लिए भी खेल चुके हैं।
उन्होंने कहा मैं उम्मीद कर रहा हूं कि वह अपील करेंगे लेकिन यह प्रतिबंध उनपर नाडा की ओर से लगाया गया है। यदि वह अपील करना चाहते हैं तो कर सकते हैं लेकिन यह सबकुछ बी नमूने के परिणाम पर निर्भर करेगा।" कुशल ने यह भी स्पष्ट किया कि पॉल ने अभी तक उनसे या एआईएफएफ से कोई संपर्क नहीं किया है।
दास ने कहा मैंने व्यक्तिगत तौर पर रिपोर्ट नहीं देखी है लेकिन यह प्रतिबंधित पदार्थ का मामला है। यदि वह पूरी तरह दोषी साबित हो जाते हैं तो उन्हें कम से कम चार साल का निलंबन झेलना होगा।
इस बीच आई लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनंदो धर ने भी कहा 'फिलहाल हम नाडा की ओर से आधिकारिक सूचना का इंतजार कर रहे हैं लेकिन इतना स्पष्ट है कि उन्हें अब एआईएफएफ के तहत होने वाले किसी भी टूर्नामेंट में भाग लेने नहीं दिया जाएगा। पॉल के क्लब शिवाजियंस ने इस मामले पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।' (वार्ता)