सुधा ने कलिंग स्टेडियम में नौ मिनट 59.47 सेकंड का समय लेकर सोना जीता। 31 वर्षीया सुधा को किसी से चुनौती नहीं मिली और पूरे आखिरी लैप तो वह अकेले ही दौड़तीं रहीं। सुधा को 2009, 2011 और 2013 में रजत पदक से संतोष करना पड़ा था लेकिन इस बार उन्होंने स्वर्ण पदक जीत कर ही दम लिया। उन्होंने अपने पिछले 10:03.01 समय में सुधार किया और इस सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ समय भी निकाला।
भारत को अनु आर ने महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में रजत, जाबिर एम पी ने पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़ में कांस्य, शीना एन वी ने महिलाओं की तिहरी कूद में कांस्य और महिला 4 गुना 100 मीटर रिले टीम ने कांस्य पदक दिलाया।
भारत को पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज, पुरुषों की 110 मीटर बाधा दौड़ और महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में खाली हाथ रहना पड़ा। इसके अलावा भारत का पुरुषों की ऊंची कूद और पुरुष हैमर थ्रो स्पर्धा में भी हाथ खाली रहा।