पैरालंपिक के बाद अब ओलंपिक में एथलीट्स से लोहा लेना चाहते हैं सुमति! नीरज से भी किए हैं दो दो हाथ
बुधवार, 1 सितम्बर 2021 (16:18 IST)
टोक्यो: पैरालंपिक में पदार्पण करते हुए रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल अब तीन साल बाद पेरिस ओलंपिक में शारीरिक रूप से पूर्णत: सक्षम खिलाड़ियों के खिलाफ चुनौती पेश करना चाहते हैं।
सोनीपत के 23 साल के अंतिल ने सोमवार को अपना ही विश्व रिकॉर्ड पांच बार तोड़ते हुए पुरुष भाला फेंक एफ 64 वर्ग में 68.55 मीटर के प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता।
भारतीय ग्रां प्री सहित अन्य प्रतियोगिताओं में शारीरिक रूप से पूर्णत: सक्षम खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर चुके अंतिल का लक्ष्य 2024 में पैरालंपिक और ओलंपिक दोनों में क्वालीफाई करने का है और वह स्वदेश लौटने पर इसके लिए ट्रेनिंग शुरू करेंगे।
मोटरसाइकिल से दुर्घटना में 2015 में घुटने के नीचे बायां पैर गंवाने वाले अंतिल ने भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की विज्ञप्ति में कहा, मैं ओलंपिक और पैरालंपिक दोनों में हिस्सा लेना चाहता हूं। यह मेरा सपना है।
उन्होंने कहा, अपनी ट्रेनिंग के दौरान मैं 70 मीटर की दूर तय कर पा रहा था और मेरा सपना भाले को 75 से 80 मीटर की दूरी तक फेंकना है और यह शारीरिक रूप से पूर्णत: सक्षम खिलाड़ियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए।
अंतिल ने कहा, टोक्यो से लौटने पर मैं निश्चित तौर पर इसके लिए ट्रेनिंग करूंगा।
नीरज के खिलाफ भी पेश कर चुके हैं दावा
अंतिल भारतीय ग्रां प्री सीरीज तीन में पांच मार्च को पटियाला में ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा के खिलाफ प्रतिस्पर्धा पेश कर चुके हैं। वह 66.43 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ सातवें स्थान पर रहे थे।
मंगलवार को अंतिल ने 62.88 मीटर का अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने इस दौरान पांच बार अपना रिकॉर्ड तोड़ा और अंतिम थ्रो पर फाउल से पहले भाले को 66.95, 68.08, 65.27, 66.71 और 68.55 की दूरी तक फेंका।
We NEED to talk about Sumit Antil!
First throw: 66.95 metres (WR)
Second throw: 68.08 metres (WR)
Fifth throw: 68.55 metres (WR)
The #IND star broke the world record three times en route to winning #gold in the Men's Javelin Throw - F64
चोपड़ा के स्वर्ण पदक से प्रेरित अंतिल ने कहा, विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2019 में मुझे रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। इसलिए मैं हमेशा से ही स्वर्ण पदक जीतना चाहता था। मेरे कोचों ने पैरालंपिक में मुझे आक्रामक होने को कहा। मुझे खुशी है कि मैं अंतत: अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करूंगा।(भाषा)