अखिल ने सुशील और नरसिंह के बीच 74 किग्रा वजन वर्ग में ट्रायल को लेकर उठे विवाद के बीच अपने फेसबुक पेज पर लिखा- ओलिंपक में अपने देश के लिए प्रदर्शन करना एक गौरवपूर्ण अनुभव है और हम सब यह जानते हैं कि कोई भी व्यक्ति अगर क्वालीफाई कर जाता है तो उसने कड़ी मेहनत जरूर की होगी, लेकिन एक बहुत बड़ा सत्य यह भी है कि यदि कोई व्यक्ति दो बार लगातार ओलिंपिक में पदक जीत कर लाता है तो वह कोई साधारण खिलाड़ी नहीं रह जाता।
मुक्केबाज ने कहा- नरसिंह ने निस्संदेह बहुत परिश्रम किया है और वह एक उभरते हुए खिलाड़ी हैं लेकिन सुशील कुमार सिर्फ एक नाम या एक खिलाड़ी नहीं हैं, वे कुश्ती की पहचान बन चुके हैं। उनके बीजिंग और लंदन ओलिंपिक के पदक इस बात का प्रमाण हैं कि वे हमारे देश के आज तक के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में एक हैं। उनके साहस और अनुभव का भारतीय खेल जगत में शायद ही कोई सानी हो।
सुशील एक बेहतरीन खिलाड़ी और उससे भी अच्छे इंसान हैं। नरसिंह भी एक कर्मठ, जुझारू और उभरते हुए चैंपियन पहलवान हैं। मुझे भरोसा है कि ये दोनों ही चाहेंगे कि जो देश के हित में हो अंत में फैसला वही लिया जाए। जो पदक का ज़्यादा पुख्ता दावेदार होगा, वह ट्रायल की कसौटी पर खरा उतर ज़रूर ही देश का नाम रिओ ओलिंपिक में रोशन करेगा। (वार्ता)