प्रशासन ने पहले मैक को लड़कों के खिलाफ चैंपियनशिप में खेलने से मना कर दिया था जिसके बाद उन्होंने स्टेट गर्ल्स चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और जीत अपने नाम की। हालांकि मैक का परिवार और उनके विपक्षी यही चाहते थे कि वे लड़कों के खिलाफ ही कुश्ती करें लेकिन राज्य खेल नियमों के अनुसार वे जिस लिंग के साथ पैदा हुई हैं उसी वर्ग में खेल सकती हैं।
कुछ विपक्षी पहलवानों ने हालांकि मैक को लेकर सवाल उठाए और माना कि लड़कियों में उन्हें अधिक ताकतवर होने का फायदा मिला, क्योंकि वह लड़का बनने के लिए काफी समय से टेस्टोस्टेरोन ले रही थीं। टेक्सास में स्कूल स्पोर्ट्स का संचालन करने वाली यूनिवर्सिटी इंटरस्कोलिस्टिक लीग ने कहा किसी खिलाड़ी को यदि उसके डाक्टर कुछ प्रतिबंधित दवाओं के सेवन की अनुमति देते हैं तो वे उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
मैक की यह जीत ऐसे समय आई है, जब अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने स्कूलों में समलैंगिक छात्रों के अपने हिसाब से शौचालयों के उपयोग के नियम को खारिज कर दिया है। ट्रंप सरकार के इस फैसले के बाद से ही समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों में काफी गुस्सा है।
मैक डलास में ट्रिनिटी हाई स्कूल के छात्र हैं और उनका इस चैंपियनशिप में उतरने से पहले 52-0 का रिकॉर्ड रहा था और उन्हें पहले ही खिताब का दावेदार माना जा रहा था। मैक ने चेल्सी सांचेज को 12-2 से हराकर चैंपियनशिप जीती। इससे एक सप्ताह पहले मैक ने महिला पहलवान के खिलाफ रीजनल चैंपियनशिप जीती थी लेकिन हाईस्कूल ने इस परिणाम को रद्द कर दिया था। (वार्ता)