यूरो कप 2020 सेमीफाइनल : डेनमार्क ने 2 बड़ी गलतियों की सजा भुगती, इंग्लैंड को आक्रामक खेल का मिला फायदा

यूरो कप 2020 का दूसरा सेमीफाइनल जब अतिरिक्त समय में गया तब इंग्लैंड को पेनल्टी मिली जिसको लगाने की जवाबदारी इंग्लिश कप्तान हैरी केन ने उठाई। इतने बड़े खिलाड़ी की किक इतनी कमजोर थी कि गोल और बॉल के बीच गोलकीपर आड़े आ गया। गोलकीपर ने गलती ये की कि बॉल को ठीक से पकड़ नहीं पाया और रिबाउंड होकर फुटबॉल फिर हैरी केन के पास पहुंची। केन को दूसरा मौका देना यानी की आ बैल मुझे मार वाली कहावत को चरितार्थ करना। केन ने इस बार गलती नहीं की और गोल मार कर इंग्लैंड को 2-1 से आगे कर दिया। पहली बार इंग्लैंड को यूरो कप के फाइनल में पहुंचा दिया और उसके बाद इंग्लिश समर्थक ने वेम्बले स्टेडियम को सिर पर उठा लिया। लंदन की सड़कों पर जश्न का माहौल छा गया। 
 
हैरी केन बड़े खिलाड़ी हैं और ऐसे खिलाड़ी बड़े मैचों का इंतजार करते हैं। लीग मैच में हैरी केन खामोश रहे। उनसे गोल नहीं हुए तो प्रदर्शन को लेकर सवाल उठने लगे। लेकिन जैसे ही नॉकआउट मुकाबले शुरू हुए हैरी फॉर्म में आ गए। प्री-क्वार्टर फाइनल में एक, क्वार्टर फाइनल में दो और सेमी फाइनल में एक गोल मार कर उन्होंने इं‍ग्लैंड टीम को फाइनल में पहुंचा दिया। यह चमत्कारिक प्रदर्शन यदि फाइनल में भी जारी रहता है तो पहली बार इंग्लैंड को यूरो कप चूमने का अवसर मिल जाएगा। 
 
हैरी केन से डेनमार्क टीम डरी हुई थी। दो खिलाड़ी हैरी केन के पास बॉल ही नहीं पहुंचने दे रहे थे। फिर भी यदि हैरी के पास बॉल पहुंचती तो किसी भी तरह उनसे छीन ली जाती। इसी चक्कर में स्टर्लिंग जैसे खिलाड़ी को खुला छोड़ दिया गया और वे लगातार इंग्लैंड के लिए मूव बनाते रहे। इधर हैरी केन को जैसे ही मौका मिला उन्होंने निर्णायक गोल दाग दिया। 
 
यूरो कप का यह दूसरा सेमी फाइनल रोमांच से भरपूर था। काफी तेज खेल देखने को मिला। डेनमार्क ने इंग्लैंड को जम कर टक्कर दी, लेकिन दो मौकों पर गलती की और इसे इंग्लैंड ने भुना लिया। 
 
इस मैच के पहले इंग्लैंड ने एक भी गोल नहीं खाया था। इस कीर्तिमान को डेनमार्क के डेम्सगार्ड ने 30 वें मिनट में तोड़ दिया। फ्री-किक पर उन्होंने अद्भुत गोल मारा। टूर्नामेंट के खूबसूरत गोल्स में से यह एक है। पहली बार टूर्नामेंट में इंग्लैंड टीम पिछड़ कर खेल रही थी, लगा कि दबाव में टूट जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। टीम के कोच साउथगेट ने गोल खाते ही इंग्लिश खिलाड़ियों को जोश से खेलने का आदेश दिया जिसका असर 39 वें मिनट में दिखा। 
 
केन ने एक शानदार मूव बनाया और साका को पास दिया जिसने बॉल स्टर्लिंग की तरफ सरका दी जो गोल की तरफ तेजी से दौड़ रहे थे। इसी बीच डेनमार्क के डिफेंडर कजाएर ने बॉल को रोकना चाहा, लेकिन उनसे गेंद टकराकर गोल की नेट में उलझ गई। ओन गोल हुआ, यह डेनमार्क की पहली गलती थी। 
 
दूसरी गलती 104 वें मिनट में हुई जब स्टर्लिंग को डी में गिरा दिया और रेफरी ने पेनल्टी दे दी। दोनों गलतियों को भुना कर इंग्लैंड ने फाइनल का टिकट कटा लिया। 
 
वर्तमान कोच साउथगेट ने बरसों पुरानी गलती को सुधारा जब क्वार्टर फाइनल में वे बतौर खिलाड़ी पेनल्टी को गोल में तब्दील नहीं कर पाए थे, लेकिन अब कोच के रूप में उन्होंने टीम को फाइनल में पहुंचा दिया। 
 
इंग्लैंड टीम आक्रामक होकर खेली। खेल के आठवें मिनट में इंग्लैंड के सारे खिलाड़ी डेनमार्क के हाफ में मौजूद थे। वहीं डेनमार्क के खिलाड़ियों का रवैया रक्षात्मक रहा। उन्होंने इंग्लिश खिलाड़ियों की जबरदस्त नाकाबंदी की। खिलाड़ियों को जगह नहीं दी कि वे किक मार सके या मूव बना सके। लेकिन दो गलतियां उन पर भारी पड़ गई। 
 
इंग्लैंड के सामने अब इटली है। इंग्लैंड भी टूर्नामेंट में अब तक अपराजित रहा है और इटली भी। दोनों ही सबसे बेहतर टीमें फाइनल में हैं और निश्चित रूप से फाइनल रोमांचक होने वाला है।

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