ईरान का हालांकि विश्वकप में रिकॉर्ड कोई खास नहीं रहा है और वह दो बार 2009 तथा 2013 में राउंड-16 तक पहुंचा था। ईरान पहले आठ टूर्नामेंटों के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाया था और उसे 2001 में त्रिनिदाद एंड टोबैगो में पहली बार उतरने का मौका मिला था जहां उसे ग्रुप चरण में तीनों मैचों में हार का सामना करना पड़ा।
ईरान ने इसके आठ साल बाद 2009 में नाइजीरिया में हुए विश्वकप में हिस्सा लिया और उसे राउंड-16 में उरूग्वे से हार का सामना करना पड़ा। ईरान की टीम 2013 में फिर नॉकआउट चरण में पहुंची, लेकिन इस बार भी उसे राउंड-16 में नाइजीरिया से 1-4 की शिकस्त झेलनी पड़ी। नाइजीरियाई टीम आगे चलकर चैंपियन बनी।
गुएना की टीम चार बार 1985, 1989, 1995 और 2015 में विश्वकप में खेली है और उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1985 में चौथा स्थान रहा था। गुएना ने भारत आने के लिए क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था और वह ईरानी टीम को चौंकाने का दमखम रखती है। (वार्ता)