केंद्रीय खेलमंत्री विजय गोयल ने मीडिया में छपी रिपोर्टों पर तुरंत संज्ञान लेते हुए एक बयान जारी कर नरसिंह के आरोप को बेबुनियाद करार दे दिया। गोयल ने बयान में दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा वाले 12 खिलाड़ियों को मंत्रालय ने खेलों के विकास के लिए राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया था और ये राष्ट्रीय पर्यवेक्षक मंत्रालय द्वारा उन्हें दी गई भूमिका और दिशा निर्देंशों के अनुसार ही काम कर रहे हैं।
खेलमंत्री ने कहा राष्ट्रीय पर्यवेक्षक के रूप में उनकी नियुक्ति के समय उनकी भूमिका को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया गया था और उनकी जिम्मेदारी के बारे में भी साफ दिशा निर्देश जारी किए गए थे। इन पर्यवेक्षकों का काम राष्ट्रीय टीमों के चयन की निगरानी रखना है और स्वतंत्र तथा पारदर्शी चयन को मजबूत करने के लिए उपाय सुझाना है।
गोयल ने बताया कि इनकी जिम्मेदारियों में मौजूदा खेल ढांचों और उपकरणों का आंकलन राष्ट्रीय कोचिंग कैंप स्थलों में चिकित्सा सुविधाओं की निगरानी और किसी भी तरह की कमी को बताना, भारतीय और विदेशी कोचों के प्रदर्शन का आकलन, समीक्षा तथा उसकी रिपोर्ट देना, शिविर में शामिल खिलाड़ियों की प्रगति के बारे में बताना शामिल है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को एथलीटों तथा कोचों के प्रदर्शन के पूरे डाटा को देखना, खिलाड़ियों तथा अन्य अंशधारकों की शिकायतों की जांच करना और उस पर मंत्रालय को रिपोर्ट भेजना, राष्ट्रीय खेल महासंघों, राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन संगठनों और भारतीय खेल प्राधिकरण की मदद करना तथा अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर के लिए जरूरत पड़ने पर टीमों के साथ जाना शामिल है। खेलमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को दी गई जिम्मेदारियों के मद्देनज़र किसी भी राष्ट्रीय पर्यवेक्षक पर हितों के टकराव का आरोप लगाना पूरी तरह गलत और बेबुनियाद है। (वार्ता)