UWW lifts suspension on India, WFI Hindi News : विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने भारत पर लगाया गया अस्थाई निलंबन हटा दिया है लेकिन साथ ही राष्ट्रीय महासंघ को निर्देश दिया है कि वह प्रदर्शनकारी पहलवानों Bajrang Punia, Vinesh Phogat और Sakshi Malik के खिलाफ भेदभावपूर्ण कार्रवाई नहीं करे।
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के समय पर चुनाव नहीं करा पाने के कारण United World Wrestling (UWW) ने पिछले साल 23 अगस्त को उसे निलंबित कर दिया था।
विश्व संस्था ने बयान में कहा,यूडब्ल्यूडब्ल्यू ब्यूरो की निलंबन की समीक्षा करने और अन्य विषयों पर चर्चा करने के लिए 9 फरवरी को बैठक हुई तथा सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद निलंबन हटाने का फैसला किया गया।
बयान में कहा गया है,WFI (Wrestling Federation of India) को तुरंत ही United World Wrestling (UWW) को लिखित गारंटी देनी होगी कि WFI की सभी प्रतियोगिताओं विशेष कर ओलंपिक खेलों (OLympic Games) के ट्रायल्स तथा अन्य प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए बिना किसी भेदभाव के पहलवानों का चयन किया जाएगा।
Six months after it banned the Wrestling Federation of India (WFI) for its failure to hold elections on time, United World Wrestling (UWW) on Tuesday lifted the suspension with immediate effect but with a few riders.https://t.co/74Vpge4YShpic.twitter.com/GyXsCh054h
बयान के अनुसार,जिन खिलाड़ियों के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा उनमें वह तीन पहलवान भी शामिल है जिन्होंने पूर्व अध्यक्ष (Brij Bhushan Sharan Singh) के कथित गलत कामों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
पिछले साल दिसंबर में डब्ल्यूएफआई के चुनाव (WFI Elections) कराए गए थे जिसमें पूर्व अध्यक्ष के करीबी संजय सिंह को नया प्रमुख चुना गया था। खेल मंत्रालय ने हालांकि राष्ट्रीय खेल संहिता के उल्लंघन का हवाला देकर कुछ दिन बाद ही महासंघ को निलंबित कर दिया था। इसके बाद देश में कुश्ती के संचालन के लिए तदर्थ समिति गठित की गई थी।
डब्ल्यूएफआई ने हालांकि खेल मंत्रालय के फैसले को नामंजूर कर दिया था। उसने मंगलवार को विश्व संस्था के फैसले का स्वागत किया।
संजय सिंह ने पीटीआई से कहा,तदर्थ समिति का अब कोई महत्व नहीं रह गया है क्योंकि हमें विश्व संस्था से मान्यता मिल गई है। यह ओलंपिक वर्ष है तथा हम जल्द ही ट्रायल्स आयोजित करेंगे। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं कि किसी भी पहलवान का भविष्य खराब ना हो।
भारतीय कुश्ती महासंघ के एक अन्य सूत्र ने कहा कि किसी भी पहलवान के खिलाफ भेदभाव नहीं किया जाएगा तथा संजय सिंह सुलह करने के लिए प्रदर्शनकारी तीनों पहलवानों को जल्द ही पत्र लिखेंगे।
उन्होंने कहा,हमें इन तीनों पहलवानों से कोई शिकायत नहीं है।
पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद भारतीय महासंघ को निलंबित कर दिया गया था।
प्रतिबंध हटाने का मतलब है कि भारतीय पहलवान अब विश्व संस्था की अगली प्रतियोगिता में देश के ध्वज तले खेल पाएंगे।
विश्व संस्था ने इसके साथ ही डब्ल्यूएफआई से अपने एथलीट आयोग के चुनाव फिर से कराने को कहा।
बयान में कहा गया है,इस आयोग में सक्रिय खिलाड़ी या फिर वे खिलाड़ी शामिल हो सकते हैं जिनको संन्यास लिए हुए चार साल से अधिक का समय नहीं हुआ है। मतदाता केवल खिलाड़ी ही होंगे। इन चुनाव का आयोजन किसी भी सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान किया जा सकता है लेकिन चुनाव एक जुलाई 2024 से तक कराने होंगे।
विश्व संस्था ने कहा कि वह पहलवानों के संपर्क में रहेगी और आगामी दिनों के घटनाक्रम पर उनसे बात करेगी। (भाषा)