इस दिशा में पहला संभावित कदम मोटरस्पोर्ट डॉट काम को सौंपे गए दस्तावेज हैं जिनसे पता चलता है कि 31 मई से छह जून के बीच लंदन के एक पते पर फोर्स वन नाम से छह कंपनियां पंजीकृत कराई गई हैं। इन कंपनियों के एकमात्र निदेशक टी लक्ष्मी कंथन है जो वित्तीय सलाहकार के रूप में लंबे समय से माल्या से जुड़े हैं। कंथन फोर्स इंडिया के निदेशक भी हैं।
उन्हें साथ ही उम्मीद थी कि भारत में ग्रांप्री होगी जो हुई भी। ग्रांप्री होने और दो प्रायोजकों के होने से फोर्स इंडिया नाम का मतलब भी बनता था। अब यहां ग्रांप्री का आयोजन भी नहीं हो रहा है और भारतीय प्रायोजक भी हमारा प्रायोजन करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। अब हमारे पास माल्या के किंगफिशर को छोड़कर कोई भारतीय प्रायोजक नहीं है। अगर टीम नाम बदलती है तो इसे मोटरस्पोर्ट की संचालन संस्था फिया से मंजूरी लेनी होगी। (भाषा)