विजेंदर ने कहा,'मैं यहां (लंदन में) ट्रेनिंग के लिए आया था लेकिन प्रमोटर, ट्रेनर और यहां की सुविधाएं इतनी प्रभावशाली थी कि मैंने फैसला किया कि यह पेशेवर मुक्केबाजी से जुड़ने का सही समय है।'
उन्होंने कहा,'मुझे यहां का ढांचा पसंद है और मैंने अपनी पत्नी (अर्चना) के साथ पेशेवर बनने पर बात की। उसने कहा ‘क्यों नहीं’ और यह हो गया। पेशेवर बनना हमेशा से मेरे दिमाग में था और मुझे लगता है कि ये प्रमोटर मेरे लिए परफेक्ट हैं।'
विजेंदर ने कहा,'ऐसा नहीं है कि मैं अब देश का प्रतिनिधित्व नहीं करूंगा। मैं ऐसा करूंगा लेकिन अलग मंच पर।' विजेंदर पेशेवर मुक्केबाजी से जुड़ने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए नई यात्रा की शुरूआत है।' (भाषा)