भारत की सबसे सफल खिलाड़ी : सानिया ने यहां विश्व आर्थिक मंच में महिलाओं और नेतृत्व क्षमता पर पैनल चर्चा में बताया कि उन्होंने किस तरह की चुनौतियों का सामना किया। उनके नाम 3 महिला युगल और इतने ही मिश्रित युगल ग्रैंड स्लैम खिताब हैं। वे भारत की सबसे सफल टेनिस खिलाड़ी हैं और डब्ल्यूटीए एकल सूची में 2007 के मध्य में करियर की सर्वश्रेष्ठ 27वीं रैंकिंग पर पहुंची थीं।
सांवली होने का डर मन से निकाल दीजिए : 32 साल की सानिया ने कहा कि शुरुआत करूं तो सबसे पहले माता-पिता, पड़ोसियों, आंटियों और अंकल को यह कहना बंद करना होगा कि आप सांवली हो जाओगी और अगर तुम खेलोगी तो कोई भी तुमसे शादी नहीं करेगा। मैं महज 8 साल की थी, जब मुझे यह कहा गया था और हर किसी को लगता था कि कोई मुझसे शादी नहीं करेगा, क्योंकि मैं सांवली हो जाऊंगी। मैंने सोचा कि मैं बच्ची ही हूं और सब ठीक होगा।
दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी बन चुकी है सानिया : इस हैदराबादी के नाम 41 डब्ल्यूटीए युगल खिताब हैं और 2015 में तो वे महिला युगल में दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी भी बनी थीं। उन्होंने कहा कि लोगों के दिमाग में यह इतना भरा हुआ है कि लड़कियों को खूबसूरत बने रहना चाहिए और इसमें यह भी कि उसे गोरा होना चाहिए। मैं नहीं जानती ऐसा क्यों? इस संस्कृति को बदलना चाहिए।
सानिया को क्यो गर्व है : सानिया ने कहा कि मुझे गर्व महसूस होता है कि मैंने महिलाओं को खेल अपनाने में शायद थोड़ी-सी भूमिका अदा की। मैं जिस महिला खिलाड़ी से प्रेरणा ले सकती थी, तब वे पीटी उषा थीं। आज हम पीवी सिंधू, साइना नेहवाल, दीपा करमाकर और कई अन्य का नाम ले सकते हैं।
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