विश्व कुश्ती में बजरंग पुनिया 3 पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान

शनिवार, 21 सितम्बर 2019 (01:03 IST)
नूर सुल्तान। विश्व के नंबर एक पहलवान बजरंग पुनिया (65 किग्रा) और रवि कुमार (57 किग्रा) ने देश को ओलम्पिक कोटा दिलाने के बाद शुक्रवार को विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत लिए। वे विश्व कुश्ती में 3 पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान हैं। 2 बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को 74 किग्रा फ्रीस्टाइल ओलंपिक वजन वर्ग के क्वालिफिकेशन में हार का सामना करना पड़ा।
 
बजरंग ने 65 किग्रा वर्ग में देश को ओलम्पिक कोटा पहले ही दिला दिया था और आज उन्होंने कांस्य पदक जीतकर नया इतिहास बना दिया। बजरंग ने मंगोलिया के तुलगा तुमुर ओचिर को बेहद संघर्षपूर्ण मुकाबले में 8-7 से हराकर कांस्य पदक जीता। 
 
बजरंग का विश्व चैंपियनशिप में यह तीसरा पदक है और वह विश्व चैंपियनशिप में तीन पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बन गए हैं। बजरंग ने 2018 में बुडापेस्ट में 65 किग्रा में रजत पदक और 2013 में बुडापेस्ट में ही 60 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
 
रवि कुमार ने फ्रीस्टाइल के ओलंपिक वजन वर्ग 57 किग्रा में ईरान के रेजा अहमदअली अत्रीनाघारची को 6-3 से पराजित कर विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला पदक जीता।
 
भारत को प्रतियोगिता में सुशील के क्वालिफिकेशन में हार जाने से सबसे ज्यादा निराशा हाथ लगी। सुशील को 74 किग्रा में, किरण को 70 किग्रा में, परवीन को 92 किग्रा में और सुमित को 125 किग्रा में हारकर बाहर हो जाना पड़ा। अब भारत की उम्मीदें जूनियर विश्व चैंपियन दीपक पुनिया से 86 किग्रा में और मौसम खत्री से 97 किग्रा ओलम्पिक वजन वर्गों में रहेंगी जो शनिवार को अपने मुकाबलों में उतरेंगे।
 
ओलंपिक भारत को इस टूर्नामेंट में अब तक 3 ओलंपिक कोटा मिले हैं। बजरंग और रवि के अलावा महिला पहलवान विनेश फोगाट ने भारत को ओलंपिक कोटा दिलाया है।  
 
सुशील कुमार ने किया निराश : दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील से भारत को खासी उम्मीदें थीं लेकिन जकार्ता एशियाई खेलों की तरह उन्होंने यहां भी निराश किया। सुशील को अजरबेजान के खादजीमुराद गादझियेव ने नजदीकी मुकाबले में 11-9 से पराजित कर दिया। सुशील ने मुकाबले की शुरुआत में बढ़त बनाई थी और ब्रेक में वह 9-4 से आगे थे। 
 
लेकिन विपक्षी पहलवान ने दूसरे राउंड में तेजी से अटैक कर लगातार अंक हासिल किए। गादजिएव ने अंतिम 2 मिनट में 6 अंक हासिल किए और अंत में सुशील को मैच से बाहर करते हुए एक अंक लेने के बाद मुकाबला 11-9 से जीत लिया।
 
इस हार के बाद सुशील की उम्मीदें इसी बात पर टिकी थीं कि गादझियेव इस वजन वर्ग के फाइनल तक पहुंचे। गादझियेव ने अपना राउंड 32 और प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबला जीतकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, जहां उन्हें अमेरिका के पहलवान से हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ सुशील की टूर्नामेंट में चुनौती समाप्त हो गई।
 
वर्ष 2010 में मॉस्को में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले सुशील 9 साल के अंतराल के बाद विश्व चैंपियनशिप में उतरे थे। सुशील ने गत वर्ष गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था लेकिन जकार्ता एशियाई खेलों में वह शुरूआती दौर में ही बाहर हो गये थे। सुशील ने दिल्ली में ट्रायल जीतकर विश्व चैंपियनशिप में खेलने का हक पाया था लेकिन उन्हें क्वालिफिकेशन में हार कर ही बाहर हो जाना पड़ा।
 
फ्रीस्टाइल 70 किग्रा में करण को उज्बेकिस्तान के इख्तियोर नवरुजोव ने क्वालिफिकेशन में 7-0 से पराजित कर दिया। नवरूजोव क्वार्टर फाइनल में पहुंच कर रूस के पहलवान से पराजित हुए जिससे करण की उम्मीदें भी समाप्त हो गईं।
 
92 किग्रा में परवीन ने क्वालिफिकेशन में कोरिया के चांगजेई सुई को 12-1 से पराजित किया लेकिन प्री क्वार्टर फाइनल में वह यूक्रेन के पहलवान लियू बोमेर सागाल्युक से 0-8 से हार गए। सागाल्युक क्वार्टरफाइनल में ईरान के पहलवान से हारे और उनकी हार के साथ परवीन टूर्नामेंट से बाहर हो गए।
 
125 किग्रा में सुमित को क्वालिफिकेशन में हंगरी के डेनियल लिगेटी ने 2-0 से पराजित किया। लिगेटी इसके बाद प्री क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान के पहलवान से हार गए और उनकी हार के साथ टूर्नामेंट से बाहर हो गए।
         
पुरुष फ्रीस्टाइल ओलंपिक वजन वर्ग में कोटा हासिल करने के लिए अब भारत के पास 86 और 97 किग्रा के मुकाबले बचे हैं जिनमें क्रमश: दीपक और मौसम शनिवार को उतरेंगे। 
 
दीपक ने पिछले महीने एस्तोनिया में आयोजित हुई जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था जो इस प्रतियोगिता में भारत का 18 साल बाद मिला स्वर्ण पदक था। इन दोनों पहलवानों के साथ 97 किग्रा के गैर ओलंपिक वर्ग में जितेंद्र और 61 किग्रा के गैर ओलंपिक वर्ग में राहुल अवारे उतरेंगे।

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