उन्होंने कहा, 25 जून को लिए गए नमूने की रिपोर्ट में प्रतिबंधित पदार्थ की जितनी मात्रा पाई ग थी, वह पांच जुलाई को लिए गए नमूने में काफी कम हो गई। अग्रवाल ने कहा, अहम बात यह है कि जब एथलीट का पांच जुलाई को दूसरा नमूना लिया गया था तो उसे पहले नमूने की रिपोर्ट पता नहीं थी। अगर यह खिलाड़ी नियमित रूप से इसे ले रहा होता तो पांच जुलाई की रिपोर्ट में इस प्रतिबंधित पदार्थ की मात्रा उतनी ही होती। राहत की सांस ले रहे नरसिंह ने कहा कि वह अब ओलंपिक जाने और देश के लिए पदक जीतने के लिए बेताब हैं।