नरसिंह का 'रियो' का सपना लगभग पूरा, खेलमंत्री ने दिया संकेत

सोमवार, 25 जुलाई 2016 (20:15 IST)
नई दिल्ली। खेलमंत्री विजय गोयल ने सोमवार को संकेत दिया कि रियो ओलंपिक में भागीदारी की नरसिंह यादव की संभावनाएं लगभग खत्म हो गई है, लेकिन उसे अपना बचाव करने का पूरा मौका दिया जाएगा।
गोयल ने साफतौर पर कहा कि नरसिंह के डोप मामले में वाडा के नियमों के दायरे में रहकर सारी जांच की जाएगी। उन्होंने हालांकि प्रेस कॉन्‍फ्रेंस से पहले अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा कि रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व 119 सदस्‍यीय दल (पहले 120) करेगा।
 
गोयल ने यहां मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पर ‘रन फोर रियो’ से जुड़े कार्यक्रम से इतर कहा, राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी खेलों में डोपिंग की जांच के लिए स्वायत्त संस्था है जो वाडा की आचार संहिता के तहत काम करती है। हम सभी चाहते थे कि नरसिंह रियो जाए लेकिन अगर कानून आड़े आ जाएगा तो हम कुछ नहीं कर सकते। 
 
गोयल ने कहा, हम इतना कह सकते हैं कि इस मामले में वाडा की आचार संहिता पर अमल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की प्रतिष्ठा सर्वोपरि है और कोई भी काम नियमों के दायरे में ही हो सकता है। देश की प्रतिष्ठा से बढ़कर कुछ नहीं और इसके लिए नियमों के तहत चलना पड़ता है। खेलों में शुचिता बरकरार रखना हमारा लक्ष्य है। उसके साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। 
 
उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल रियो ओलंपिक में भारत का दल 119 सदस्यीय होगा जो अब तक का सबसे बड़ा दल है। उन्होंने कहा, नरसिंह यादव डोप टेस्ट में पॉजीटिव पाए गए हैं और उन पर अस्थाई निलंबन है। वे इस निलंबन के चलते फिलहाल रियो दल का हिस्सा नहीं हैं। यादव के साजिश के आरोपों पर उन्होंने कहा कि उसे अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाएगा और नाडा की पैनल इस मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है।
 
गोयल ने कहा, मैं काल्पनिक सवालों का सवाब कैसे दे सकता हूं। कोई तथ्य सामने आएगा, तभी उसकी जांच हो सकेगी। उन्‍होंने हमसे कुछ नहीं कहा है तो हमें नहीं पता। पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले नरसिंह का रियो ओलंपिक की 74 किलो फ्रीस्टाइल स्पर्धा के लिए चयन विवादित हालात में हुआ था क्योंकि ओलंपिक दोहरे पदक विजेता सुशील ने अपनी दावेदारी ठोकी थी। 
 
नरसिंह ने चूंकि विश्व चैम्पियनशिप के जरिए कोटा हासिल किया था डब्ल्यूएफआई और दिल्ली उच्च न्यायालय दोनों ने सुशील की मांग खारिज कर दी। नरसिंह को हालांकि इसके लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। (भाषा) 

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