मुख्यमंत्री ने उसे सरकारी नौकरी देने की इच्छा जताई, जिसे मंत्रिमंडल ने मंजूर कर लिया। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे खिलाड़ियों को सम्मान देने के लिए व्यापक नीति तैयार करें और अलग-अलग पदक जीतने वालों को नौकरी देने के बारे में विशेष तौर पर मापदंडों का उल्लेख करें, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो।
भारतीय महिला टीम के पूर्व कोच रहे, अर्जुन अवॉर्डी, ओलंपिक पदक विजेता कृपाशंकर बिश्नोई ने पहलवान नवजौत कौर और साक्षी मलिक को कुश्ती की कोचिंग दी है। उल्लेखनीय है कि रेलवे के कोच बिश्नोई ने ही सबसे पहले यह मुद्दा उठाया था कि जब स्टार क्रिकेटर हरमनप्रीत कौर को सरकारी नौकरी दी जा सकती है तो नवजौत कौर को क्यों नहीं। नवजौत एक गरीब परिवार से हैं और उनके पिता ने 13 लाख रुपए का कर्ज ले-लेकर अपनी बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाया है। (एजेंसी/ वेबदुनिया)