योगेश्वर का रजत का सपना टूटा, रूसी पहलवान के पास रहेगा पदक

मंगलवार, 25 अक्टूबर 2016 (21:21 IST)
लंदन। ओलंपिक (2012) में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त के कांस्य पदक का रंग नहीं बदलेगा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी ) ने रूस के दिवंगत पहलवान बेसिक कुदुखोव के खिलाफ जांच हटाने का फैसला किया है। 
कुदुखोव ने लंदन ओलंपिक में 60 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में रजत पदक जीता था लेकिन बाद में उन्हें प्रतिबंधित स्टेरायड के सेवन के लिये दोषी पाया गया था। चार बार के विश्व चैंपियन और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता कुदुखोव की 2013 में एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी। रूसी कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और कुश्ती की विश्व संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के उपाध्यक्ष जॉजी ब्राइसोव ने एक बयान में कहा कि आईओसी कुदुखोव को उनके 2012 के लंदन ओलंपिक के रजत पदक से वंचित नहीं करेगी।
 
इससे पहले अगस्त में रिपोर्ट आई थी कि रूसी पहलवान को डोपिंग में पाजिटिव पाये जाने के बाद उनसे रजत पदक छीना जा सकता है और योगेश्वर का कांस्य अपग्रेड होकर रजत में बदल सकता है। योगेश्वर ने भी ट्विटर पर इस बात की पुष्टि की थी लेकिन साथ ही कहा था कि वे रजत स्वीकार नहीं करेंगे और यह पदक कुदुखोव के परिवार के पास ही रहना चाहिए।          
 
आईओसी ने 2008 के बीजिंग ओलिंपिक और 2012 के लंदन ओलिंपिक के एथलीटों के नमूनों का फिर से टेस्ट किया था जिसमें कुदुखोव के स्टेरायड तूरीनाबोल के सेवन के लिये पाजीटिव पाए जाने की पुष्टि हुई थी। यह मामला आईओसी के तीन सदस्यीय अनुशासन आयोग को सौंपा गया था। 
 
इस आयोग में स्विटजरलैंड के डेनिस ओसवाल्ड, स्वीडन के गुनीला लिंडबर्ग और तुर्की के उगूर एर्डेनर शामिल थे। समिति ने फिर फैसला किया कि कुदुखोव के खिलाफ जांच समाप्त कर दी जाए और उनका पदक उन्हीं के पास रहने दिया जाए।

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