लिएंडर पेस 35 बरस की उम्र में भले ही अब युवा न रहे हों लेकिन उनके जोश में कोई कमी नहीं आई है और अमेरिकी ओपन टेनिस का मिश्रित युगल खिताब जीतने के बाद भी भारत के इस दिग्गज खिलाड़ी का संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है।
पेस और जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक ने जोड़ी के रूप में अपने पहले ही ग्रैंड स्लैम के फाइनल में ब्रिटेन के जेमी मुर्रे और अमेरिका की लिजेल ह्यूबर को 7-6, 6-4 से हराकर खिताब जीता। इस लम्हें का पूरा आनंद उठाते हुए पेस ने कहा कि उम्र उनके लिए कोई मुद्दा नहीं है और वह तब तक खेलते रहेंगे, जब तक उन्हें इसमें मजा आता रहेगा।
पेस कहा कि मेरे लिए यह बिलकुल साफ है। अगर मैं लगातार 31 दिन सुबह उठता हूँ और महसूस करता हूँ कि मुझे खेल में मजा नहीं आ रहा तो 32वें दिन मैं खेलना छोड़ दूँगा। मेरा नजरिया हमेशा से ऐसा ही रहा है। भारत के इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि वह एक उद्देश्य के साथ जागते हैं और अतीत में दो बार चूकने के बाद वह खिताब जीतकर खुश हैं।
उन्होंने कहा कि आपको पता है यह मेरे दिमाग में था कि मैंने अमेरिकी ओपन नहीं जीता है। मैं यहाँ दो बार फाइनल में पहुँचा। मैंने कई साल पहले लिसा रेमंड के साथ मैच प्वाइंट हासिल कर लिया था और आज सुबह मैं एक लक्ष्य के साथ उठा। पेस ने कारा की तारीफ करते हुए कहा कि वे एक साथ खेलना जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा इस हफ्ते शुरुआत करने से पहले ही हमने इस बारे में बात की थी कि अगले पूरे साल हम साथ खेलेंगे। इस हफ्ते का नतीजा चाहे कुछ भी होता मैं कारा के साथ जुड़ा रहता और पूरे साल उनके साथ खेलता।
उन्होंने कहा कि अब सचमुच मुझे लगता है कि उन्होंने हमें मैच जिताया। टाईब्रेक में 4-6 से पिछड़ने के बाद उसने बेहतरीन वाली लगाते हुए जेमी की सर्विस तोड़ी। मुझे लगाता है कि इसी समय कारा ने हमें सेट जिता दिया था।
भविष्य के बारे में पेस ने कहा मैंने आस्ट्रेलियाई ओपन दो बार जीता है। मैंने विम्बलडन भी दो बार जीता है। फ्रेंच ओपन मैंने कभी नहीं जीता। मैं वहां फाइनल में पहुँचा था। यही एक ग्रैंड स्लैम है, जिसे मैंने कभी नहीं जीता है और मुझे उम्मीद है कि कारा और मैं अगले साल ऐसा कर पाएँगे।
कारा ने भी पेस की सराहना करते हुए कहा कि उनके साथ खेलना बेहतरीन अनुभव था। उन्होंने कहा कि लिएंडर शानदार खिलाड़ी हैं। वह बार-बार वापसी करते रहे हैं, लेकिन हम एक ब्रेक से पिछड़ गए थे और टाईब्रेक में वह अंक अहम था।