भारतीय टेनिस परी सानिया मिर्जा ने विम्बलडन में इसराइल की सहर पीर के साथ एक बार फिर जोड़ी बनाकर मजहबी कट्टरपंथियों को भृकुटियाँ तानने का मौका दे दिया है।
सानिया मुसलमान है जबकि पीर यहूदी। दोनों की दोस्ती काफी गहरी है और 2005 जापान ओपन में दोनों साथ खेलते हुए सेमीफाइनल तक पहुँची थी।
इसके बाद मुसलमान और यहूदी के साथ खेलने को लेकर कट्टरपंथियों के विरोध के कारण यह जोड़ी टूट गई। पीर ने कहा मुझे हमेशा से सानिया के साथ खेलने में मजा आता है। पिछले साल दबावों के कारण हमें साथ खेलना छोड़ना पड़ा।
पीर के मुताबिक पिछले महीने फ्रेंच ओपन में जब उसने मुझे साथ खेलने का न्यौता दिया तो मुझे सुखद हैरानी हुई, लेकिन मैं दिनारा साफिना के साथ खेलने का वादा कर चुकी थी। यहाँ उसके साथ खेलकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।
सानिया का विवादों से चोली दामन का साथ रहा है। कोर्ट पर छोटी स्कर्ट पहनने के कारण कट्टरपंथियों ने उनके खिलाफ एक बार फतवा जारी कर दिया था। सानिया और पीर को विम्बलडन में 16वीं वरीयता दी गई है। पहले दौर में उनका सामना लीसा ओस्टरलो और सोफिया एंडरसन से होगा।
इससे पहले भी विम्बलडन में यहूदी और मुसलमान खिलाड़ी के साथ खेलने से विवाद हुआ है। पाँच बरस पहले पाकिस्तान के ऐसामुल हक कुरैशी ने जब इसाइल के अम्र हदाद के साथ जोड़ी बनाई थी तो उनके देश के टेनिस महासंघ को निलंबित करने की धमकी तक दे दी गई थी।