पिछले कुछ समय से खराब दौर से गुजर रही भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को उम्मीद है कि अगले सप्ताह शुरू हो रहे विम्बलडन में वह भारतीय मूल के दर्शकों से मिलने वाले समर्थन के बूते अपनी खोई लय हासिल कर सकती हैं।
सानिया ने कहा कि जब मैं विम्बलडन में खेलने उतरुँगी तो मुझे और ज्यादा समर्थन मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इंग्लैंड में बहुत से भारतीय हैं तथा इस टूर्नामेंट के दौरान बहुत से लोग इस देश की यात्रा करेंगे।
उन्होंने कहा कि यहाँ खेलना एक सुखद अनुभूति है और यह आपको भारत में खेलने का अहसास देता है। फ्रैंच ओपन के दूसरे ही दौर में अना इवानोविच से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हुई सानिया ने कहा कि जब मैंने पेरिस में पहला दौर जीता तो मुझे बहुत बधाईयाँ आने लगी। सभी काफी उत्साहित थे।
सानिया ने कहा कि मैं चोट के कारण करीब ढाई महीने तक टेनिस से दूर रही और फ्रेंच ओपन के एक सप्ताह पहले फिर खेलना शुरू किया था। खासतौर पर सर्जरी के बाद खेलना काफी मुश्किल होता है।
उन्होंने ने कहा कि अगर आप चोटिल है और इसके बाद वापसी करते हैं, तो यह आसान लगता है, लेकिन मुझे विपरित हालात में खेलना पड़ा। उन्होंने कहा कि जब मैं चोटिल हुई तो मैंने सोचा कि मुझे गेंद पर प्रहार करने में वक्त लगेगा। यह काफी कठिन प्रक्रिया रही।
दुनिया की 46वीं नंबर की इस खिलाड़ी ने कहा कि मैंने जिम में काफी कड़ी मेहनत की। सर्जरी के दो दिन बाद ही मैंने अपनी चोट से उबरने के लिए छोटे-मोटे व्यायाम करने शुरू कर दिए थे। यह काफी कठिन था।
भारतीय मीडिया द्वारा अपने प्रति जताई जाने वाली उत्सुकता के बारे में सानिया ने कहा कि जहाँ तक संभव होता है, मैं अखबार नहीं पढ़ने की कोशिश करती हूँ और जब समाचार चैनलों पर खेल समाचार आ रहा होता है, तब भी मैं बहुत सारे चैनल नहीं देखने की कोशिश करती हूँ।
उन्होंने कहा कि भारत में सभी एथलीटों पर पूरे देश का दबाव होता है। मेरे ऊपर भी क्रिकेट खिलाड़ियों की तरह ही दबाव होता है और जहाँ तक संभव होता है, हम इससे उबरने की कोशिश करते हैं, लेकिन इससे पूरी तरह उबर पाना असंभव होता है।