मुहम्मद अली का वास्तविक नाम कैसियस मार्सेलस क्ले, जूनियर था जिनका जन्म , 17 जनवरी 1942 को हुआ था। उन्होंने 22 की उम्र में सनी लिस्टन से 1964 में विश्व हैवीवेट चैम्पियनशिप जीत ली और बाद में उन्होंने इस्लाम अपना लिया था और वे मोहम्मद अली बन गए थे। अली ने अपने धार्मिक विश्वासों और वियतनाम युद्ध के विरोध में अमेरिकी सेना में भर्ती होने के लिए मना कर दिया। उन्हें गिरफ्तार किया गया और उसके मुक्केबाजी खिताब छीन लिया। अली तीन बार के ऐसे विश्व हैवीवेट चैंपियन रहे जिन्होंने 1964 में, 1974 खिताब जीता और फिर 1978 में खिताब जीता।
'महानतम' उपनाम वाले अली ने कई ऐतिहासिक बॉक्सिंग मैचों में सनी लिस्टन, जो फ्रेज़ियर और जॉर्ज फोरमैन जैसे मुक्केबाजों को हराया था। 74 वर्षीय बॉक्सिंग 'ग्रेट' मोहम्मद अली को सांस की तकलीफ़ की वजह से अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। परिवार के प्रवक्ता बॉब गनेल ने तीन बार के वर्ल्ड चैंपियन के अस्पताल में भर्ती किए जाने के ख़बर की पुष्टि की थी लेकिन यह नहीं बताया कि 74 साल के मोहम्मद अली का इलाज किस अस्पताल में चल रहा है या उन्हें कब भर्ती कराया गया था।
बॉक्सिंग छोड़ने के बाद 1984 में अली की पारकिंसन की बीमारी का पता चला था। अली को अंतिम बार पेशाब की नली में संक्रमण की वजह से जनवरी 2015 में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह अगली पीढ़ी के मैजिक जॉनसन, कार्ल लुइस और टाइगर वुड्स के लिए मसीहा साबित हुए। अली ने खेल की दुनिया में अश्वेतों के लिए जो दरवाजे खोले, उसे भला कौन भूल सकता है। खेलों की दुनिया के इस चमत्कारी मुक्केबाज का 74 साल की उम्र में शनिवार को निधन हो गया। मोहम्मद अली को सांस की तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे। बॉक्सर अली गत दो जून से अस्पताल में भर्ती थे।