भारत का राजधानी के फीरोजशाह कोटला मैदान में पिछले 21 वर्षो से चला आ रहा विजय रथ आज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा विकेट टेस्ट ड्रॉ होने के साथ ही थम गया।
भारत तीसरा टेस्ट ड्रॉ होने के बाद चार मैचों की सिरीज में 1-0 से आगे है। सिरीज का चौथा और आखिरी टेस्ट छह नवम्बर से नागपुर में खेला जाएगा।
भारत ने पिछले 21 वर्षो में कोटला में सभी सात टेस्ट जीते थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने इस बार उसे ड्रॉ पर रोक दिया।
भारत ने कोटला में पिछले सात टेस्टों में जिम्बाब्वे को तीन बार, पाकिस्तान को दो बार और ऑस्ट्रेलिया तथा श्रीलंका को एक-एक बार शिकस्त दी थी। भारत आखिरी बार इस मैदान पर वेस्टइंडीज से नवंबर 1987 में पाँच विकेट से हारा था।
इस मैदान पर पहला टेस्ट नवम्बर 1948 में भारत और वेस्ट इंडीज के बीच खेला गया था। भारत ने कोटला में अब तक 30 टेस्ट खेले हैं, जिनमें से उसने 10 जीते है छह हारे है और 14 ड्रॉ रखे हैं।
ऑस्ट्रेलियाने कोटला में अब तक छह मैचों में मात्र एक जीता है दो हारे में और तीन ड्रॉ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया को कोटला में एकमात्र जीत दिसम्बर 1959 में मिली थी, जब उसने भारत को एक पारी और 127 रन से हराया था। ऑस्ट्रेलिया उसके बाद से 49 वर्षों में फिर कभी कोटला में नहीं जीत पाया।
भारत का कोटला में अपराजेय कुभ मार्च 1993 में जिम्बाबवे को एक पारी और 13 रन से हराने के साथ शुरू हुआ था। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को अक्टूबर 1996 में सात विकेट से हराया फरवरी 1999 में भारत ने पाकिस्तान को 212 रन से शिकस्त दी।
इस मैच में लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने अविस्मरणीय प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान की दूसरी पारी के सभी दस विकेट 74 रन देकर झटके थे। कुंबले ने आज अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा कर दी है।
भारत ने नवम्बर 2000 में जिम्बाब्वे को सात विकेट से, मार्च 2003 में जिम्बाब्वे को चार विकेट से, दिसंबर 2005 में श्रीलंका को 188 रन से और नवम्बर 2007 में पाकिस्तान को छह विकेट से हराया, लेकिन दो नवम्बर 2008 को ऑस्ट्रेलिया ने आखिर भारत का विजय रथ थाम लिया।