अचानक संन्यास लेने की घोषणा करके क्रिकेट जगत को चौंकाने वाले अनिल कुंबले ने फिरोजशाह कोटला को अपने लिए खास करार देते हुए कहा कि कंधे के ऑपरेशन के बाद वापसी करने के बाद का दौर उनके लिए अधिक संतोषजनक रहा।
उन्होंने कहा कि वे क्रिकेट को आगे बढ़ाने और खुद को क्रिकेट को अधिक महत्व देने वाले खिलाड़ी के रूप में याद किया जाना पसंद करेंगे। कुंबले ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के पाँचवें दिन चाय के विश्राम के बाद संन्यास लेने का फैसला करके सभी को चौंका दिया था।
उन्होंने कहा कि यह मेरे करियर का सबसे मुश्किल फैसला था। मैंने खेल के तीसरे दिन ही चोट लगने के बाद फैसला कर लिया था। इसके बाद मैंने अपने साथियों को बताया और लंच के बाद चयनकर्ताओं को फैसले से अवगत कराया। मैंने बोर्ड को भी फैसले से सूचित कर दिया था।
मैच के तीसरे दिन चोटिल होने वाले कुंबले ने कहा कि मैंने हमेशा अपना शत प्रतिशत देने की कोशिश की और अँगुली की चोट के कारण मुझे लगा कि मैं नागपुर में अंतिम टेस्ट मैच में अपना पूरा योगदान नहीं दे पाऊँगा। मुझे लगा कि यह संन्यास लेने का सही समय है।