दक्षिण अफ्रीका में 2007 ट्वेंटी20 विश्व कप जीतने के बाद इसी देश में एक बार फिर चैम्पियन्स ट्रॉफी एकदिवसीय टूर्नामेंट जीतने की सपना देखने वाली महेंद्र सिंह धोनी की टीम को सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़ और हरभजन सिंह की अनुभवी तिकड़ी से काफी उम्मीद होगी क्योंकि उसके कई खिलाड़ियों को इस अफ्रीकी देश में एकदिवसीय और टेस्ट मैच खेलने का अनुभव नहीं है।
भारत को इसके अलावा चोटिल तेज गेंदबाज जहीर खान की कमी खल सकती है जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका की तेज गेंदबाजी की अनुकूल पिचों पर अपनी आग उगलती गेंदों के दम पर 17 मैचों में 20.35 की बेहतरीन औसत के साथ 31 विकेट चटकाए हैं।
तेंडुलकर, द्रविड़ और हरभजन ने हाल में श्रीलंका में भारत को काम्पैक कप त्रिकोणीय एकदिवसीय टूर्नामेंट जिताने में अहम भूमिका निभाई थी और टीम को उम्मीद होगी कि यह अपार अनुभवी जोड़ी एक बार फिर सभी आशाओं पर खरी उतरेगी।
कॉम्पैक कप के तीन मैचों में एक शतक की मदद से 70.33 की औसत से सर्वाधिक 211 रन बनाने वाले मास्टर ब्लास्टर तेंडुलकर ने दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर भारतीय टीम की ओर से सर्वाधिक 36 मैच खेले हैं और 40.40 की औसत से चार शतक और छह अर्धशतक की मदद से 1414 रन बनाए हैं।
चोटिल सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की गैरमौजूदगी में भारत को अच्छी शुरुआत दिलाने का दारोमदार एक बार फिर उन्हीं के कंधे पर होगा। सहवाग दक्षिण अफ्रीका में संपन्न इंडियन प्रीमियर लीग टू के दौरान दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से खेलते हुए चोटिल हो गए थे और इंग्लैंड में टी20 विश्व कप तथा श्रीलंका में त्रिकोणीय श्रृंखला में नहीं खेल पाए थे।
तेंडुलकर के अलावा द्रविड़ ने दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर 27 मैच में 44.73 की बेहतरीन औसत से 850 रन बनाए हैं जबकि हरभजन ने 18 मैचों में 33.57 की औसत से 19 विकेट चटकाए हैं।
भारतीय शीर्ष क्रम के अन्य बल्लेबाजों में युवराज सिंह दक्षिण अफ्रीका में रनों के जूझते रहे हैं और 17 मैचों में 18 रन प्रति पारी की मामूली औसत से मात्र 308 रन बना पाए हैं जबकि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, सुरेश रैना को भी यहाँ अधिक खेलने का अनुभव नहीं है।
धोनी ने दक्षिण अफ्रीका में जहां चार एकदिवसीय मैचा खेले हैं, वहीं रैना ने सिर्फ एक मैच खेला जिसमें उन्होंने चार रन बनाए।
दूसरी तरफ सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर, आक्रामक बल्लेबाज यूसुफ पठान, तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा और आरपी सिंह ने दक्षिण अफ्रीकी धरती पर कभी कोई एकदिवसीय या टेस्ट मैच नहीं खेला है जो भारत के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।
भारत के सभी खिलाड़ी हालाँकि 2009 इंडियन प्रीमियर लीग में दक्षिण अफ्रीका में खेले जब लोक सभा चुनावों के चलते सुरक्षा कारणों ने इस ट्वेंटी20 लीग को इस अफ्रीका देश में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके अलावा गंभीर, पठान और आरपी सिंह दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर हुए पहले ट्वेंटी20 विश्व कप में भी खेले थे जिसमें भारतीय टीम चैम्पियन बनी।
गेंदबाजी विभाग पर गौर किया जाये तो हरभजन के अलावा बायें हाथ के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा दक्षिण अफ्रीका पिचों से वाकिफ हैं और उन्होंने यहां खेले 11 मैचों में 19.76 की शानदार औसत के साथ 17 विकेट अपने नाम किए।
भारत ने टी20 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर श्रृंखला नहीं जीत पाने के मिथक को तोड़ा था। इससे पहले भारतीय टीम इस अफ्रीकी देश में कभी भी कोई श्रृंखला जीतने में सफल नहीं हो सकी थी। टी20 विश्व कप से पहले भारत ने दक्षिण अफ्रीका में एक विश्व कप सहित पाँच एकदिवसीय श्रृंखला और चार टेस्ट श्रृंखला खेली लेकिन हमेशा सफलता से महरूम रही।